लखनऊ. उत्तरप्रदेश चुनाव 2022 (UP Election Result 2022) के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस बार चुनाव परिणाम कई मायनों में अलग रहा. उत्तरप्रदेश की जनता ने 37 सालों के बाद किसी मुख्यमंत्री को लगातार दूसरी बार यूपी के सीएम बनने का अवसर दिया है. वहीं चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले दल बदलकर जीत की उम्मीद लगाए दलबदलुओं को जनता से जमकर सबक सिखाया है. दलबदलुओं में से तीन चौथायी चुनाव हार गये हैं. यहां तक की स्वामी प्रसाद मौर्या भी अपनी सीट नहीं बचा पाये. चुनाव से पहले दर्जनों नेताओं ने दल बदल किया था लेकिन, इनमें से सिर्फ कुछ ही चुनाव जीत सके हैं. बाकी के सभी चुनाव हार गये हैं.
देखें पूरी लिस्ट
1. रामअचल राजभर – अम्बेडकरनगर के अकबरपुर से बसपा के विधायक थे, अब सपा से जीते हैं.
2. लालजी वर्मा – अम्बेडकरनगर की कटेहरी सीट से बसपा के विधायक थे, अब सपा से विधायक बने हैं.
3. रिया शाक्य, इनके विधायक पिता विनय शाक्य ने भाजपा छोड़ा तो पार्टी ने रिया को बिधूना से उतार दिया. रिया भाजपा से चुनाव लड़कर हार गयी हैं.
4. नरेश सैनी – बेहट, 2017 में कांग्रेस से विधायक थे, भाजपा में गये लेकिन, हार गये हैं.
5. हैदर अली – रामपुर की स्वार सीट से मैदान में हैं. इन्हें कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था लेकिन रातों-रात ये अपना दल से उम्मीदवार बन बैठे. जीत नहीं पाये. अब्दुल्ला आजम ने हराया.
6. अदिति सिंह – रायबरेली से कांग्रेस विधायक थीं. भाजपा से लड़ीं और जीत गयी हैं.
7. राकेश सिंह, रायबरेली की हरचंदपुर से कांग्रेस के विधायक थे. भाजपा में गये लेकिन, जीत नहीं पाये.
8. अवतार सिंह भड़ाना, जेवर, पहले भाजपा से विधायक थे लेकिन इस्तीफा देकर आरएलडी से लड़े. हार गये हैं.
9. हरिओम यादव, सिरसागंज, से समाजवादी पार्टी के विधायक थे. मुलायम सिंह के समधी हैं. साल भर पहले पार्टी ने निकाल दिया था. भाजपा से लड़े लेकिन हार गये हैं.
10. रामवीर उपाध्याय, सादाबाद, से बसपा के विधायक थे. पार्टी से खटपट हुई तो अब भाजपा में चले गये. जीत गये हैं.
11. असीम अरुण, कन्नौज, कानपुर के पुलिस कमिश्नर थे लेकिन रातों-रात नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा से चुनाव मैदान में उतरे. पहली बार में ही विधायक बन गये हैं.
12. धर्म सिंह सैनी, नकुड़, से भाजपा के विधायक थे. योगी सरकार में मंत्री भी थे. सपा से लड़े लेकिन, हार गये हैं.
13. पंकज मालिक, पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के बड़े चेहरे पंकज मलिक चरथावल से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े. जीत गये हैं.
14. असलम अली, धौलाना, से बसपा के विधायक थे. पार्टी छोड़ी और सपा के टिकट पर लड़े लेकिन हार गये हैं.
15. सुप्रिया एरण, बरेली कैंट, से सपा की कैंडिडेट हैं. कांग्रेस के साथ पुराना जुड़ाव रहा है बरेली के मेयर भी रह चुकी हैं. इस बार जीत गयी हैं.
16. रुचिवीरा, बिजनौर, से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. 2012 से 2017 तक सपा के टिकट पर विधायक थीं. हार गयी हैं.
17. करतार सिंह भड़ाना, खतौली, से बसपा के टिकट पर मैदान में थे. इससे पहले भाजपाई थे लेकिन, जीत नहीं पाये.
18. आरएस कुशवाहा, निघासन, पहले बसपा में थे अब सपा के टिकट पर चुनाव लड़े. हार गये हैं.
19. नोमान मसूद, लंबे समय से सहारनपुर के इस नेता ने राष्ट्रीय लोक दल का झंडा उठा रखा था लेकिन इस चुनाव में बसपा के टिकट पर गंगोह से लड़े. इनके भाई इमरान मसूद है जो हाल में ही कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए हैं. चुनाव हार गये हैं.
20. सुभाष राय – अम्बेडकरनगर की जलालपुर सीट से सपा के विधायक बने थे. उपचुनाव में भाजपा को ही हराया था लेकिन, चुनाव से पहले भाजपा में गये. लड़े लेकिन, एक दलबदलू से ही हार गये.
21. राकेश पांडेय – बसपा के नेता लेकिन, अम्बेडकरनगर की जलालपुर से सपा से लड़े. जीत गये हैं. इनके बेटे रितेश पांडेय बसपा के यहीं से सांसद हैं.
22. हरगोविन्द भार्गव – सीतापुर की सिधौली से बसपा से विधायक हैं लेकिन, अबकी सपा से यहीं से लड़े. जीत नहीं पाये.
23. मनोज प्रजापति – हमीरपुर में सपा से दो चुनाव लड़ चुके हैं. अबकी बार भाजपा से लड़े और जीत गये हैं. इनके पिता शिव चरण प्रजापति बसपा सरकार में मंत्री थे.
24. माधुरी वर्मा – बहराइच की नानपारा सीट से भाजपा विधायक माधुरी वर्मा इस बार सपा से लड़ी थीं लेकिन, हार गयी हैं.
25. स्वामी प्रसाद मौर्या – कुशीनगर के पडरौना से भाजपा के विधायक थे, सपा से लड़े. सीट भी बदली लेकिन चुनाव हार गये हैं.
26. धर्म सिंह सैनी – नकुड़ से भाजपा से विधायक और मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी चुनाव से पहले सपा में आ गये थे. अबकी बार हार गये हैं.
27. ओम प्रकाश राजभर – पिछले चुनाव में भाजपा के साथ लड़े थे लेकिन, इस बार सपा के साथ लड़े. जीत गये हैं.
28. बृजेश प्रजापति – बांदा की तिंदवारी सीट से भाजपा के विधायक रहे बृजेश प्रजापति स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ सपा में चले गये थे. इस बार हार गये हैं.
29. भगवती प्रसाद सागर – भगवती प्रसाद सागर चुनाव से पहले भाजपा को छोड़कर सपा में आये थे. कानपुर की घाटमपुर सीट से लड़े लेकिन हार गये हैं.
30. रौशनलाल वर्मा – शाहजहांपुर के तिलहर से भाजपा के विधायक थे. स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ भाजपा छोड़कर सपा में गये थे. तिलहर से चुनाव लड़े लेकिन हार गये हैं.
31. दारा सिंह चौहान – स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ दारा सिंह भी भाजपा छोड़कर सपा में गये थे. इस बार के चुनाव में दारा सिंह ने न सिर्फ अपनी पार्टी बदली बल्कि सीट भी बदल दी. मधुबन के बजाय घोसी से सपा से चुनाव लड़े और जीत गये हैं.
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