नई दिल्ली: दुनिया के महान स्पिनर्स में शुमार शेन वॉर्न का 52 साल की उम्र में निधन हो गया था. उनकी गेंदों को खेलना किसी के लिए भी आसान नहीं था. शेन वॉर्न छुट्टियां मनाने थाईलैंड गए हुए थे, वहां हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई थी. शेन वॉर्न अपने आखिरी पलों में क्या कर रहे थे, इसकी जानकारी सामने आ गई है.
अपने आखिरी पलों में ये कर रहे थे शेन वॉर्न
शेन वॉर्न को आखिरी पलों में जीवित देखने वालों में परशुराम पांडे का नाम भी था. वह थाईलैंड में दर्जी हैं. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 मार्च को दोपहर एक बजे के करीब शेन वॉर्न Brioni tailors शॉप पर पहुंचे थे. परशुराम पांडे के यहां पर वह पहले भी आ चुके थे. साल 2019 में उन्होंने यहां से करीब 10 सूट खरीदे थे. तभी से शेन वॉर्न की परशुराम से जान-पहचान भी थी. परशुराम से मिलने के बाद वह टी-शर्ट, सिर में टोपी लगाकर और हाथ में फोन पकड़ कर टहल रहे थे और ये सब सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. शेन वॉर्न के निधन से दर्जी परशुराम बहुत ही दुखी थे. परशुराम ने कहा, ‘मुझे क्रिकेट पसंद है और शेन वॉर्न मेरे हीरो थे. उनके सूट बनाना एक बड़ा सौभाग्य था. वह शनिवार या रविवार को अपने कपड़े लेने वाले थे, इसलिए जब मैंने खबर देखी कि उनकी मृत्यु हो गई है, तो मैं चौंक गया. मैं बर्बाद हो गया था.
थाईलैंड में गई जान
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. वॉर्न थाईलैंड के कोह समुई द्वीप पर अपने होटल के कमरे में अचेत पाए गए थे. अस्पताल ले जाने पर भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. पुलिस ने बयान में कहा कि पोस्टमार्टम जांच की रिपोर्ट अभियोजक कार्यालय में भेज दी जाएगी जो अप्रत्याशित मौत के सिलसिले में आम प्रक्रिया है. वॉर्न के परिवार ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि उनकी मौत परिवार के लिए कभी न खत्म होने वाले बुरे सपने की शुरुआत है. शेन वॉर्न थाईलैंड के एक होटल में छुट्टियां बिता रहे थे. जहां उन्हें हार्ट अटैक आ गया था, अस्पताल ले जाने से पहले उनके दोस्तों ने उन्हें CPR भी दिया था, लेकिन वो वॉर्न की जान नहीं बचा सके. शेन वॉर्न के कमरे में खून के धब्बे भी मिले थे.
ऑस्ट्रेलिया को बनाया था विजेता
शेन वॉर्न की ही गेंदबाजी का करिश्मा था कि ऑस्ट्रेलिया ने 1999 में इंग्लैंड में खेले गए आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर 12 साल बाद अपने नाम के आगे दोबारा वर्ल्ड विजेता लिखवाने का कारनामा किया था. वॉर्न ने उस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम के 4 विकेट महज 33 रन पर लेकर उसे 132 रन पर ही लुढ़का दिया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 133 रन बनाकर खिताब जीत लिया था. वॉर्न को इस प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द फाइनल चुना गया था.
700 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज
शेन वॉर्न ने अपने करियर के दौरान 145 टेस्ट मैच में 708 विकेट चटकाए थे, जबकि 194 वनडे मैचों में 293 विकेट उनके खाते में दर्ज किए गए थे. टेस्ट क्रिकेट में विकेट लेने के लिहाज से श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (muttiah muralitharan) के बाद दूसरे नंबर के गेंदबाज वॉर्न ने उनसे पहले 700 विकेट पूरे किए थे. वे गेंदबाजी के इस ऊंचे शिखर को छूने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने थे.