जोगिंदर और उसके दो बच्चे राशन कार्ड के लिए है परेशानपत्नी के नाम पर ही राशन कार्ड बनाने का नियम है, क्या हो अगर पत्नी की मौत हो जाए या वो कहीं चली जाए? क्या ऐसे में राशन कार्ड नहीं बनेगा?नोएडा: देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार ने एक पहल की थी कि राशन कार्ड घर के महिला के नाम से बनेगा. लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि अगर पत्नी की मृत्यु किसी कारण से हो गई हो तो ऐसे में क्या किया जाएगा? इसी कन्फ्यूजन में दादरी निवासी एक व्यक्ति का राशन कार्ड ( How to make ration card) 13 वर्षों से नहीं बन पाया है. दादरी के ऊंचा अमीरपुर गांव के रहने वाले जोगिंदर की पत्नी की मौत हो गई उसके बाद से वह अपने दो बच्चों के साथ टूटे हुए घर में रहते हैं.दुर्घटना में आंख भी चली गई45 वर्षीय जोगिंदर के दो बेटे हैं, एक आठवी में पढ़ता है दूसरा नौवी क्लास में पढ़ता है, जोगिंदर बताते हैं कि पत्नी के मौत के बाद दोनो छोटे बच्चे की देखभाल मुझे अकेले ही करनी पड़ रही है,उसी दौरान एक दुर्घटना में मेरी एक आंख चली गई थी. राशन कार्ड बनाने के लिए जो भी नया सरपंच आता है उसे बोलता हूं वो हर बार सिर्फ आश्वासन ही देता है.लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पाया है.जोगिंदर के पास घर के नाम पर सिर्फ तीन दीवारों का एक ढांचा ही खड़ा है.घर की हालात को दिखाते हुए कहते हैं कि राशन कार्ड न होने के कारण हमे कोई सरकारी लाभ नहीं मिलता है. इसी घर में सोते हैं और यही पर खाना बनाते हैं. बारिश के समय किसी के दरवाजे पर या बंद दुकान के पास तीनों बाप बेटे आसरा लेने चले जाते हैं.क्या कहना है अधिकारियों काहमने जोगिंदर के मामले के बारे में जिला आपूर्ति अधिकारी (Dso Gautambudha nagar) चलन शर्मा से बात की, तो उन्होंने मोबाइल पर बताया कि हमारे सामने जोगिंदर कभी नहीं आया है, हमारे संज्ञान में होता तो उसे ऐसी समस्या नहीं उठानी पड़ती.उन्होंने बताया कि अगर किसी कारण से ऐसा हुआ है तो हम इसकी जांच कर हर संभव उसकी मदद की जाएगी.
(रिपोर्ट – आदित्य कुमार)पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
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