हमीरपुर. प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक नई रीत देखने को मिल रही है. किसी नेता के एक पार्टी छोड़ते ही दूसरी पार्टी उसे टिकट थमा रही है. भाजपा (BJP) ने हमीरपुर सीट (Hamirpur Assembly Seat) पर मनोज प्रजापति (Manoj Prajapati) को उतारकर ऐसी ही एक और नज़ीर पेश की है. मनोज प्रजापति पुराने सपाई रहे हैं लेकिन जब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उन्हें हमीरपुर सदर से टिकट नहीं दिया तो वे बागी हो गए. उनकी बगावत में भाजपा को दम दिखा और पार्टी ने उन्हें तत्काल अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया.
मनोज प्रजापति हमीरपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. दरअसल उनकी सीट से जैसे ही सपा ने राम प्रसाद प्रजापति को टिकट दिया वैसे ही मनोज प्रजापति बगावत पर उतर आए. तुरंत बाद 29 जनवरी को ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. पिछले हफ्ते हुए इस सियासी खेल के बाद सोमवार को भाजपा ने उन्हें हमीरपुर से लड़ाने का एलान कर दिया.
दो बार हारे हैं प्रजापतिमनोज प्रजापति हमीरपुर से ही पिछले दो चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ चुके हैं. उन्हें दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था. 2017 के विधानसभा चुनाव में वे दूसरे नंबर पर थे. उन्हें भाजपा के अशोक कुमार सिंह चंदेल ने 48 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. 2019 में एक आपराधिक मामले में अशोक कुमार सिंह चंदेल को सजा हो गई और उनकी सदस्यता चली गई. सीट पर उपचुनाव हुए. इस बार भाजपा ने युवराज सिंह को उतारा और सपा ने फिर मनोज प्रजापति को. मनोज प्रजापति उपचुनाव भी हार गए. उन्हें भाजपा के युवराज सिंह ने 17 हजार वोटों से मात दी.
मनोज प्रजापति के लिए अच्छी बात यह रही कि उन्होंने दो सालों में हार का मार्जिन 31 हजार से घटाकर 17 हजार कर लिया. उन्हें उम्मीद थी कि सपा फिर से 2022 के चुनाव में भी उन्हें टिकट देगी. जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने बगावत कर दी. सपा ने यहां से राम प्रसाद प्रजापति को टिकट दिया है.
युवराज का टिकट इसलिए कटाबता दें कि भाजपा ने भले ही 2019 में हमीरपुर उपचुनाव में युवराज सिंह को उतारा था और वे जीत भी गए थे लेकिन, पार्टी उनसे संतुष्ट नहीं थी. उनकी राजनीतिक पकड़ का हाल उपचुनाव में ही दिख गया था. जिस सीट को भाजपा ने 48 हजार से ज्यादा वोटों से 2017 के चुनाव में जीता था. उस पर जीत का अंतर 17 हजार रह गया था. दोनों ही चुनावों में लड़ाई सपा के मनोज प्रजापति से ही रही. ऐसे में उनकी बढ़ती राजनीतिक हैसियत को भांपते हुए भाजपा ने तत्काल टिकट थमा दिया है.
प्रोफेसर हैं प्रजापतिमनोज कुमार प्रजापति पुरानी पॉलिटिकल फैमिली से हैं. इनके पिता शिवचरण प्रजापति पुराने बसपाई रहे. वे 1991, 1996 और 2002 में हमीरपुर से ही बसपा के विधायक रहे. वे बसपा सरकार में स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री भी रहे. मनोज कुमार प्रजापति औरैया के एक निजी डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर हैं.
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