Up chunav 2022 bjp fields sp singh baghel versus akhilesh yadav and vivek shakya against shivpal yadav know the inside story nodark

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Up chunav 2022 bjp fields sp singh baghel versus akhilesh yadav and vivek shakya against shivpal yadav know the inside story nodark



इटावा/ मैनपुरी. यूपी की सियासत में भाजपा (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच जमकर दांव पेच चले जा रहे हैं. सपा ने योगी कैबिनेट का हिस्‍सा रहे स्‍वामी प्रसाद मौर्य, डॉ. धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान समेत कुछ विधायकों को अपने पाले में खींचकर बड़ा दांव खेला, तो कुछ दिन बाद ही भाजपा ने मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव, अखिलेश यादव के मौसा के अलावा नेताजी के समधी हरिओम यादव को तोड़कर जोरदार पलटवार किया. इस बीच आज यानी सोमवार को तो दोनों दलों को सियासी घमासान एक और नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. भाजपा ने मैनपुरी की कहरल से आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल (BJP MP SP Singh Baghel) और इटावा की जसवंतनगर सीट से विवेक शाक्‍य (Vivek Shakya) को मैदान में उतारा है, जो कि चाचा-भतीजे ( शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव) को टक्‍कर देंगे.
दरअसल समाजवादी पार्टी ने काफी अटकलों के बाद पिछले दिनों यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया. वहीं, सपा प्रमुख ने आज (31 जनवरी) नामांकन भी कर दिया. हालांकि अब तक भाजपा के करहल प्रत्‍याशी के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था, लेकिन अखिलेश यादव के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री और आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल ने पर्चा दाखिल कर दिया. इसके बाद तय हो गया है कि भाजपा इस बार समाजवादी गढ़ में भी कोई कोताही बरतने नहीं जा रही है. यही नहीं, बघेल के नामांकन के बाद भाजपा ने तीन प्रत्‍याशियों की एक लिस्‍ट जारी कर दी, जिसमें अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ इटावा की जसवंतनगर सीट से विवेक शाक्‍य के नाम का ऐलान कर दिया.
जानें कौन हैं एसपी सिंह बघेलप्रो. एसपी सिंह बघेल मूल रूप से औरैया जिले के भटपुरा के रहने वाले हैं. उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने कानून में स्नातक, विज्ञान में परास्नातक डिग्री के साथ डॉक्टरेट किया है. शुरुआती दौर में बघेल ने अपना कॅरियर उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर शुरू किया था. इसके बाद वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद 1989 में उनकी सुरक्षा टीम का हिस्सा बने. वे उनके पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर बने और यहीं से वे मुलायम के करीबी हो गए.
उनसे मुलायम इतने प्रभावित हुए कि उन्हें 1989 में जलेसर लोकसभा सीट से सपा के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा. हालांकि वे चुनाव जीत नहीं पाए. 1996 में जलेसर सीट से एसपी की ओर से फिर चुनाव लड़ा, लेकिन दूसरी बार भी उनके हाथ हार ही लगी. इसके बाद 1998 में फिर से लोकसभा चुनाव हुआ और जलेसर सीट से प्रो. एसपी सिंह बघेल जीत गए. जलेसर सीट से वे दो बार सांसद रहे हैं.वहीं, धीरे धीरे राजनीति को समझने के बाद बघेल ने सपा का हाथ छोड़ दिया और बसपा में शामिल हो गए. साल 2010 में वे बसपा की ओर से राज्यसभा में गए. उन्हें राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी गई. इसके बाद उन्होंने 2014 में सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार वे मात खा गए. इस हार के बाद बघेल ने फिर राजनीतिक चतुरता दिखाई और भाजपा का दामन थामना उचित समझा. बसपा से इस्तीफा देने के बाद 2015 में भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. इसके बाद 2017 में उन्होंने टूंडला से चुनाव लड़ा और विधायक की कुर्सी पर बैठे. वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में शामिल हुए. उन्हें पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विभाग दिया गया. इसके बाद 2019 में उन्हें आगरा लोकसभा से भाजपा ने टिकट दिया. जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. भाजपा ने आगरा से सांसद रामशंकर कठेरिया का टिकट काटकर बघेल को चुनाव में उतारा गया था. इस वक्‍त वह सांसद के साथ मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं.
करहल में क्या हैं जातीय समीकरणकरहल विधानसभा में करीब 3 लाख 71 हजार वोटर हैं. इसमें यादव वोटरों की संख्या लगभग 1 लाख 44 हजार है, जो कि कुल मतों का 38 फीसदी बैठता है. जबकि 14183 वोटर मुस्लिम हैं. इसके अलावा शाक्य (34946), ठाकुर (24737), ब्राह्मण (14300), लोधी 10833) और जाटव (33688) वोटर्स का भी दबदबा है.
जसवंतनगर से विवेक शाक्‍य पर खेला दांव भाजपा ने इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से विवेक शाक्‍य पर दांव खेला है. वह जसवंतनगर विधानसभा के नगला भिखन के रहने वाले हैं. उनके पिता मनोज शाक्‍य इटावा के जाने माने समाजसेवी हैं, तो मिथलेश कुमार गृहणी हैं. यही नहीं, विवेक 2012 से लगातार भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं और इस दौरान मोदी सरकार के साथ योगी सरकार की योजनाओं को लेकर जनजागरण का काम किया है. 32 साल के विवेक की पत्‍नी का नाम लक्ष्‍मी शाक्‍य है, जो कि पोस्‍ट ग्रजुऐट हैं. वहीं, दोनों के दो बेटे हैं, जिनके नाम आरव और अहान शाक्‍य हैं.
भाजपा ने समाजवादी गढ़ में लगाई सेंधसमाजवादी पार्टी ने बंपर जीत के साथ 2012 में यूपी में सरकार बनाई थी और मुलायम सिंह यादव की जगह सीएम की कुर्सी अखिलेश यादव को मिली थी. इस बीच 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में सपा की सत्‍ता में रहते हुए उनको बहुत नुकसान पहुंचाया. 2009 लोकसभा चुनाव में 23 सीट जीतकर सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली सपा 2014 में पांच सीट पर ढेर हो गयी. हालांकि इस दौरान यादव परिवार के अलावा कुछ अन्‍य लोग अपनी सीट बचाने में सफल रहे. इसके बाद 2017 विधानसभ चुनाव में भाजपा ने सपा से सत्‍ता भी छीन ली. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायवती के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन इसके बाद भी वह पांच सीटों पर सिमेट गए. इस बार भाजपा ने बदायूं से अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव के साथ कन्‍नौज से डिंपल यादव को ढेर कर दिया. यही नहीं, मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के लिए राहें मुश्किल कर दी हैं. पिछले दो बार से वह चुनाव जीत तो रहे हैं, लेकिन जीत का अंतर छोटा होता जा रहा है और यह एक लाख के नीचे पहुंच गया है.

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