कामिर कुरैशी
आगरा. आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) के पूर्व कुलपति सहित 9 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं. मामला रद्दी जलाने के नाम पर अंकतालिकाएं जलाने का है. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी ने इस मामले में पूर्व कुलपति सहित 9 लोगों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सीओ हरीपर्वत को इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. आरोप पूर्व कुलपति पर ही था कि उन्होंने ही कर्मचारी को जलती रद्दी देखने भेजा और कार्रवाई कर दी. इस मामले में आगामी 24 फरवरी तक सीओ को अपनी आख्या कोर्ट में पेश करनी होगी.
आगरा विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में तैनात रहे कर्मचारी वीरेश कुमार का आरोप है कि 12 दिसंबर 2020 को कुलपति ने मुझे अपने चेम्बर में बुलाया था. इस दौरान कहा था कि बाहर रद्दी जल रही है जरा देख कर आओ कि जली या नहीं. जब में मौके पर गया तो देखा कि भारी मात्रा में अंकतालिकाएं जल रही थीं. मुझे नहीं पता था कि मुझे जानबूझ कर वहां पर भेजा गया है.
कुलपति ने ही भेजा और उन्होंने ही पकड़ लियाकर्मचारी का आरोप है कि कुलपति ने ही उससे कहा था कि बाहर रद्दी जल रही है देखो, जली या नहीं. मैं देखने पहुंचा तो थोड़ी देर में वहां कुलपति आ गए और उन्होंने बिना जांच किये मेरी सेवाएं समाप्त कर दीं. यही नहीं प्रोफेसर अनिल वर्मा ने कहा कि अगर तुम मुझे 10 लाख रुपए दोगे तो में तुम्हारी नौकरी दोबारा लगवा दूंगा.
इन लोगों के खिलाफ दिए जांच के आदेशकोर्ट ने वीरेश कुमार के प्रार्थना पत्र एक्शन लेते हुए पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल, प्रोफेसर अनिल वर्मा, प्रोफेसर यूसी शर्मा, प्रोफेसर संजय चौधरी, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, अधीक्षक अमृतलाल, मोहमद रईस, ब्रजेश श्रीवास्तव के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं.
24 फरवरी तक पेश करनी होगी आख्याकोर्ट ने पूर्व कुलपति सहित अन्य नौ लोगों के खिलाफ जांच के आदेश एएसपी को दिए हैं, जिसमें 24 फरवरी तक एएसपी को कोर्ट में आख्या पेश करनी होगी.
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