नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने पहले वनडे मैच में भारत को 31 रनों से हराकर 3 मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है. इस मैच में टीम इंडिया का एक खिलाड़ी फुस्स पटाखा साबित हुआ, जिसने टीम इंडिया (Team India) की नैया डुबो दी. न बैटिंग और न बॉलिंग, ये खिलाड़ी टीम इंडिया के किसी काम भी न आ पाया और इस खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन (Playing 11) में मौका देने का मकसद ही फ्लॉप हो गया.
फुस्स पटाखा साबित हुआ टीम इंडिया का ये खिलाड़ी
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) को टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने का मौका मिला. वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) को ऑलराउंडर होने के नाते इस मैच में मौका मिला था, लेकिन वह बल्लेबाजी में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए. वेंकटेश अय्यर 7 गेंदों में सिर्फ 2 रन बनाकर ही आउट हो गए. गेंदबाजी की बात करें तो कप्तान केएल राहुल ने वेंकटेश अय्यर से गेंदबाजी ही नहीं कराई.
डुबो दी टीम की नैया
खैर वेंकटेश अय्यर से बेहतर बल्लेबाजी की उम्मीद थी, लेकिन वह उसमें भी फ्लॉप साबित हुए और टीम इंडिया की हार तय हो गई. ऐसे में वेंकटेश अय्यर जैसे फ्लॉप खिलाड़ी की जगह सूर्यकुमार यादव जैसे धाकड़ बल्लेबाज को मौका दिया जा सकता था, जो विस्फोटक बैटिंग में माहिर है.
वेंकटेश अय्यर को भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. पहले वनडे मैच के दौरान भुवनेश्वर कुमार, शार्दुल ठाकुर, युजवेंद्र चहल जैसे गेंदबाज विकेट नहीं ले पा रहे थे. सभी को उम्मीद थी कि डेब्यू करने वाले वेंकटेश अय्यर गेंदबाजी करते नजर आएंगे.
फैसले पर सवाल
लेकिन वेंकटेश अय्यर को प्लेइंग इलेवन में जगह देने वाले कप्तान केएल राहुल ने उन्हें गेंदबाजी करने का मौका ही नहीं दिया. ऐसे में केएल राहुल के इस फैसले से भी सभी क्रिकेट पंडित और दिग्गज हैरान हैं. सवाल है कि वेंकटेश अय्यर ऑलराउंडर के तौर पर खेल रहे थे या बल्लेबाज के तौर पर. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जब बाकी गेंदबाज सफल नहीं हो रहे थे तो उनसे गेंदबाजी कराई जा सकती थी. जो साउथ अफ्रीकी पिचों पर मददगार भी साबित हो सकती थी.