यूपी के धर्मांतरण कानून के खिलाफ डाली गई सभी याचिकाएं एकसाथ सूचीबद्ध होंगी.hearing on 22 : कोर्ट में डाली गई जनहित याचिका में धर्मांतरण कानून को संविधान विरोधी और गैरजरूरी बताया गया है. याचिका में कहा गया है कि यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. इस कानून का सियासी दुरुपयोग किए जाने की भी आशंका जताई गई है.प्रयागराज. धर्मांतरण कानून के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. अब इस मामले में 22 अक्टूबर को फिर होगी सुनवाई. बता दें कि लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए यूपी सरकार ने सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है, जिसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है. सौरभ कुमार की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई हो रही थी. धर्मांतरण कानून के खिलाफ दाखिल सभी अर्जियों पर एकसाथ सुनवाई की जाएगी. इस मामले पर अब 22 अक्टूबर को फ्रेश केस के तौर पर सुनवाई होगी.
अदालत ने यूपी सरकार के वकील से याचिकाकर्ता को जवाब की कॉपी देने को कहा है. इससे पहले अदालत ने सौरभ कुमार व आनंद मालवीय मामले के साथ ही सभी अर्जियों को एकसाथ सूचीबद्ध नहीं करने पर नाराजगी जताई. अदालत ने 22 अक्टूबर की सुनवाई में सभी अर्जियों को एकसाथ पेश करने का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. आज एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की डिविजन बेंच में सुनवाई हो रही थी.
कोर्ट में डाली गई जनहित याचिका में धर्मांतरण कानून को संविधान विरोधी और गैरजरूरी बताया गया है. याचिका में कहा गया है कि यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. इस कानून का सियासी दुरुपयोग किए जाने की भी आशंका जताई गई है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.हमें Facebook, Twitter, Instagram और Telegram पर फॉलो करें.
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