Vaibhav Suryavanshi: ‘मन के जीते जीत है, मन के हारे हार..’ ये कविता 14 साल के विस्फोटक बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी पर फिट बैठती है. इस खिलाड़ी ने इस उम्र में वो कारनामा कर दिखाया जो बड़े-बड़े क्रिकेट के महारथी नहीं कर पाए. वैभव ने साबित किया कि अगर सफल होने की जिद है तो उम्र मायने नहीं रखती. लेकिन फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी इतनी भी आसान नहीं है. वैभव ने आईपीएल 2025 में गुजरात के खिलाफ रिकॉर्डतोड़ शतक ठोका, जिसका डंका दुनियाभर में बज रहा है. इस मुकाम तक अपने लाल को पहुंचाने के लिए उनके माता-पिता ने बड़ा त्याग किया है.
वैभव ने गुच्छों में तोड़े रिकॉर्ड्स
वैभव ने आईपीएल 2025 में गुच्छों में रिकॉर्ड तोड़े. करियर की पहली गेंद में छक्का लगाने से लेकर टी20 इतिहास में सबसे कम उम्र में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बनने तक. वैभव का नाम रिकॉर्डबुक में टॉप पर नजर आता है. उन्होंने 14 साल की उम्र में वो कारनामा कर दिखाया है जो बड़े-बड़े भारतीय धुरंधर कभी नहीं कर पाए. रोहित शर्मा यूसुफ पठान के शतकों के रिकॉर्ड को वैभव ने हवा में उड़ा दिया. इस उपलब्धि के बाद बिहार के लाल ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता ने उनके लिए क्या कुछ किया है.
क्या बोले वैभव सूर्यवंशी?
वैभव ने मैच के बाद कहा, ‘मैं जो कुछ भी हूँ अपने माता-पिता की वजह से हूँ. मेरी माँ, मेरे अभ्यास के लिए, 11 बजे सोने के बाद सुबह 2 बजे उठती हैं. मुश्किल से तीन घंटे सोती हैं. फिर वह मेरे लिए खाना बनाती हैं. मेरे पिता ने मेरा सपोर्ट करने के लिए अपना काम छोड़ दिया. मेरा बड़ा भाई अपना काम संभाल रहा है और घर बड़ी मुश्किल से चल रहा था. लेकिन पापा मेरा साथ देते रहे.’
(@IPL) April 29, 2025
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माता-पिता को समर्पित शतक
उन्होंने आगे कहा, ‘भगवान सुनिश्चित करते हैं कि जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं, वे कभी असफल न हों. हम जो परिणाम देख रहे हैं और जो सफलता मैं प्राप्त कर रहा हूँ, वह मेरे माता-पिता की वजह से है.’ वैभव ने उपलब्धि हासिल करने के बाद सबसे पहला कॉल अपने पिता को लगाया और उनसे बात की. वैभव ने बताया कि उनके पिता भी क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते उनका सपना पूरा नहीं हुआ. लेकिन अब उनका सपना पूरा हो चुका है.