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लखीमपुर. तिकुनियां में हुई हिंसा के दौरान किसानों की मौत के मामले SIT ने सोमवार को CJM कोर्ट में 5 हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिसमें SIT ने इस घटना में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे अशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाते हुए 14 लोगों को आरोपी बनाया है. वहीं तहरीर में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम होने के बावजूद चार्जशीट में उनका नाम न होने पर कांग्रेस ने SIT की भूमिका पर न सिर्फ कई गंभीर सवाल खडे कर दिये हैं, बल्कि इस दौरान सरकार के दबाव में SIT पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री का नाम इस मामले से बाहर कर दिये जाने का आरोप लगाते हुए योगी-मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्य़क्ष अजय कुमार लल्लू ने इस मामले पर न्यूज 18 से बात करते हुए कहा कि ‘लखीमपुर-तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान किसानों की मौत के मामले की जांच कर रही SIT भी अब जांच के घेरे में है. जब केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का नाम तहरीर में था, तो किसके दबाव में उनका नाम बाहर कर दिया गया. SIT बताये कि उसने कितनी बार केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री को बुलाकर उनसे इस मामले के बारे में पूछताछ की? SIT स्पष्ट करे कि आखिर किस आधार पर केन्द्रीय गृहमंत्री अजय मिश्रा को इस मामले का आरोपी नहीं बनाया गया? बिकरू कांड में जब आरोपी की पत्नी खुशी दुबे को जेल भेज दिया जाता है, तो लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के पिता केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी के खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की गई? जबकि इस मामले में केन्द्रीय मंत्री के रिश्तेदार वीरेन्द्र शुक्ला का नाम बाद में शामिल कर उन्हें आऱोपी बना दिया गया है. SIT ने अजय मिश्रा को क्यों बचाया? क्या मंत्री जी की बिना जानकारी के ही ये सब हो गया और मंत्री जी को कुछ पता ही नहीं चला?’
SIT की रिपोर्ट के बाद भी केन्द्रीय मंत्री नही हुए बर्खास्त
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आगे बोलते हुए कहा कि ‘तथ्य है, प्रमाण है, स्पष्टता है. खुद सरकार की एजेंसी ने सबूत पेश किये हैं कि किसानों पर साजिश के तहत गाड़ी चढाई गई. केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी और उनके एक करीबी को बाद में आरोपी बनाया गया है. तो आखिर मंत्री को क्यों और किसके इशारे पर बचाया जा रहा है. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को अब तक क्यों बर्खास्त नहीं किया गया?
प्रियंका गांधी जब पीड़ितों से मिलने जा रही थीं, तो उन्हें जेल भेज दिया गया. राहुल गांधी और भूपेश बघेल के साथ अभद्रता की गई. फिर कांग्रेस ने पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने के लिये सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया, लेकिन फिर भी सरकार अपने आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री को बचा रही है. जिसे जनता देख रही है. अमित शाह और जेपी नड्डा को दूसरे अपराधी तो नजर आ रहे हैं, लेकिन अपनी पार्टी के अपने पास खड़े होने वाले आरोपी मंत्री शायद उन्हें अभी भी नजर नहीं आ रहे. इसलिये जब तक आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक कांग्रेस पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने के लिये इस मुद्दे को उठाती रहेगी.’

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