डिप्रेशन एक मेंटल डिसऑर्डर है, जिसके मामले तेजी से दुनिया भर में बढ़ रहे हैं, लेकिन जागरूकता अभी भी कम है. हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में डिप्रेशन के मामले पिछले दस साल में 60% बढ़े हैं.
अगस्त 2021 से अगस्त 2023 तक किए गए अध्ययन में, अमेरिका की 13.1% जनसंख्या ने डिप्रेशन के लक्षणों की सूचना दी, जो 2013-14 के मुकाबले काफी ज्यादा है. विशेषज्ञ इसे एक चिंताजनक ट्रेंड मानते हैं, दुनिया के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है.
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महिलाएं ज्यादा डिप्रेशन की शिकार
अध्ययन में पाया गया कि डिप्रेशन महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पाया जाता है. लगभग 16% महिलाएं डिप्रेशन से प्रभावित हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 10.1% है. युवाओं में डिप्रेशन का प्रतिशत भी काफी अधिक है, 12 से 19 वर्ष की आयु वर्ग में करीब 20% लोग डिप्रेशन का शिकार हैं.
डिप्रेशन पर WHO की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, डिप्रेशन अब डिसेबिलिटी का कारण बन चुका है, और यह लगभग 2800 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है. डिप्रेशन आत्महत्या का एक प्रमुख कारण भी है, हर साल 700,000 से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं.
आप तो नहीं डिप्रेशन के शिकार? ऐसे पहचानें
यदि आप लंबे समय से उदासी, चिड़चिड़ापन और पहले पसंदीदा गतिविधियों में रुचि की कमी महसूस करने के साथ फोकस करने में कठिनाई, खुद को कोसना, बहुत ज्यादा या कम सोना, बहुत ज्यादा या कम खाना, एनर्जी की कमी जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो आप डिप्रेशन के चपेट में हो सकते हैं. तुरंत एक्सपर्ट से परामर्श करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)