What Is Brain: ब्रेन फॉग कोई मेडिकल कंडीशन नहीं है, दरअसल ये टर्म कई लक्षणों के एक समूह को बताने के लिए बनाया गया है. इसमें पीड़ित शख्स की क्लैरिटी, फोकस और याद रखने की एबिलिटी पर काफी बुरा असर पड़ता है. ये मानसिक थकान, भ्रम या धुंधले दिमाग जैसा महसूस हो सकता है, जिससे आसान काम भी मुश्किल लगने लगते हैं. वैसे कभी-कभार ब्रेन फॉग होना आम है, लेकिन बार-बार या लगातार ऐसा हो रहा है तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है.
ब्रेन फॉग की वॉर्निंग साइन
1. फोकस करने में दिक्कतअगर आपको अक्सर काम करने, बातचीत या पढ़ने पर फोकस करना मुश्किल लगता है, तो ये ब्रेन फॉग का इशारा हो सकता है. मेंटल क्लैरिटी की ये कमी काम और पर्सनल लाइफ दोनों को अफेक्ट कर सकती है.
2. याददाश्त में कमीसामान्य से ज्यादा बार नाम, अपॉइंटमेंट या हाल की घटनाओं को भूल जाना फिक्र का सबब हो सकता है. ब्रेन फॉग अक्सर शॉर्ट टर्म मेमोरी प्रॉब्लम्स की वजह बनता है, जिससे डेली लाइफ में कोई भी इंसान फ्रस्ट्रेट हो सकता है
3. दिमागी थकानभरपूर आराम के बाद भी मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करते हैं, तो ये ब्रेन फॉग का एक अहम लक्षण है. शारीरिक थकान के उलट, ये थकान आपकी सोचने या सतर्क रहने की क्षमता पर बुरा असर डालता है, यहां तक कि जब कैफीन बेस्ड ड्रिंक पी रहे हों, तब भी.
4. सोचने की स्पीड धीमी हो जानाजब आप किसी इंफॉर्मेशन को प्रॉसेस करने, डिसीजन लेने या बातचीत के दौरान रिस्पॉन्ड करने में नॉर्मल से ज्यादा टाइम लगाते हैं तो ये ब्रेन फॉम का वार्निंग साइन हो सकता है. इससे आपको पूरे दिन अलग या अजीब महसूस हो सकता है.
5. मोटिवेशन की कमीजब इंसान ब्रेन फॉग का शिकार होता है, तो उसके अंदर से मोटिवेशन की भारी कमी होने लगती है. वो खोया हुआ या इमोशनल रूप से सुस्त महसूस कर सकता है. उसे किसी काम को शुरु करने में दिक्कत हो सकती है, या फिर जो काम वो कर रहा है, वो ठीक से पूरा न कर पाएं. ऐसे कंडीशन में उसका स्ट्रेस में होना या निराश होना लाजमी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.