Why We Should Not Drink Too Much Water Side Effects of Overhydration | Overhydration: पानी रे पानी, तू मेरी जिंदगी है, लेकिन ज्यादा पीना क्यों बन जाता है जान का सौदा?

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Why We Should Not Drink Too Much Water Side Effects of Overhydration | Overhydration: पानी रे पानी, तू मेरी जिंदगी है, लेकिन ज्यादा पीना क्यों बन जाता है जान का सौदा?



Risk of Overhydration: जल ही जीवन है, ये बॉडी के टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने, डाइजेशन को बेहतर बनाने, न्यूट्रिएंट के ट्रासपोर्टेशन और बॉडी वेस्ट को बाहर निकालने में मदद करता है. हालांकि, किसी भी चीज की तरह, अच्छी चीज भी ज्यादा होने पर नुकसानदेह साबित हो सकती है. ओवरहाइड्रेशन, या लिमिट से ज्यादा क्वांटिटी में पानी पीना, सीरियस साइफ इफेक्ट्स प्रमोट कर सकता है और एक्सट्रीम केस में जानलेवा भी हो सकता है.
हाइपोनेट्रेमिया का रिस्कबहुत ज्यादा पानी पीने के सबसे बड़े खतरों में से एक हाइपोनेट्रेमिया (Hyponatremia) है. ये परेशानी तब होती है जब खून में सोडियम का लेवल बहुत ज्यादा पतला हो जाता है. सोडियम सेल्स के अंदर और आसपास फ्लूइड को बैलेंस करने के लिए जरूरी है. जब आप हाई क्वांटिटी में पानी पीते हैं, तो गुर्दे एक्सेस चीजों को अच्छी तरीके बाहर नहीं निकाल पाते हैं, और ब्लड वाटरलॉग्ड हो जाता है. इससे सेल्स सूज जाते हैं, जिससे मतली, सिरदर्द, कंफ्यूजन, थकान और गंभीर मामलों में दौरे, कोमा या मौत भी हो सकती है.
किडनी पर प्रेशरओवरहाइड्रेशन किडनी पर बेवजह का प्रेशर भी डाल सकता है, जो शरीर से पानी को छानने के लिए जिम्मेदार होते हैं. लगातार गुर्दे को ओवरटाइम काम करने के लिए मजबूर करने से लॉन्ग टर्म में उनके फंक्शन पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा, थोड़े समय में बहुत ज्यादा पानी पीने से बार-बार पेशाब आ सकता है और नींद समेत डेली एक्टिविटीज में डिस्टर्बेंस पैदा हो सकती है, जिससे बेचैनी और थकान हो सकती है.
किन लोगों को ज्यादा खतरा?कुछ लोग अक्सर ओवरहाइड्रेशन के रिस्क पर होते हैं, खास तौर से एथलीट, जो लॉन्ग वर्कआउट के दौरान बड़ी मात्रा में पानी का सेवन करते हैं. इसके अलावा किडनी के मरीज और हार्ट पेशेंट और वो वाटर रिटेंशन की दवाइयां लेते हैं. उन्हें बॉडी की असल जरूरत और लॉस के बीच वाटर बैलेंस करना होगा. 
मिनरल्स का नुकसानकुछ लोगों का ध्यान इस बात पर नहीं जाता कि ज्यादा पानी पीने से पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे एसेंशियल इलेक्ट्रोलाइट्स का नुकसान होता है. ये मिनरल्स मसल फंक्शंस, नर्व सिग्नलिंग और हार्ट रिदम के लिए जरूरी हैं. बहुत ज़्यादा पानी से पतला होने पर, उनका लेवल खतरनाक तौर से कम हो सकता है, जिससे ऐंठन, मांसपेशियों में कमजोरी और दिल से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं.

कितना पानी पिएं?कितना पानी पीना चाहिए ये इस बात पर डिपेंड करता है कि आपकी उम्र, जेंडर, क्लामेट और फिजिकल एक्टिविटीज कैसी है, क्योंकि ये हर किसी के लिए अलग-अलग होती है. जेनरल रूल है कि आप प्यास लगे तो पानी पिएं और यूरिन के कलर को मॉनिटर करते रहें, जो हल्का पीला होना चाहिए. अगर टॉयलेट में क्लियर यूरिन नजर आ रहा है तो ये ओवरहाइड्रेशन का इशारा हो सकता है.

अपना ख्याल रखेंइस बात को समझना चाहिए कि हमें हाइड्रेट रहना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि ज्यादा पानी पीने का मतलब आप बेहतर सेहत की तरफ बढ़ रहे हैं. आपको ये डॉक्टर की मदद से ये पता लगाना होगा कि शरीर की जरूरत क्या है ताकि वाटर बैलेंस बना रहे. आप अवेयर रहकर ही अपने ओवरऑल हेल्थ को मेंटेन रख सकते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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