chronic pain can increase the risk of depression by four times | बॉडी पेन या माइग्रेन बन सकता है डिप्रेशन का कारण, चार गुणा बढ़ा देती है मेंटल इलनेस

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chronic pain can increase the risk of depression by four times | बॉडी पेन या माइग्रेन बन सकता है डिप्रेशन का कारण, चार गुणा बढ़ा देती है मेंटल इलनेस



Pain and Depression Relation: दुनिया भर में लगभग 30% लोग किसी न किसी पुराने दर्द जैसे कि पीठ दर्द या माइग्रेन से परेशान रहते हैं. इन लोगों में से हर तीन में से एक व्यक्ति को एक से ज्यादा जगहों पर दर्द की समस्या होती है. एक स्टडी में पाया गया कि केवल एक जगह पर दर्द होने की तुलना में शरीर के एक से ज्यादा हिस्सों में दर्द होने पर डिप्रेशन का खतरा ज्यादा होता है.
 
दर्द और डिप्रेशन का आपस में संबंधयेल स्कूल ऑफ मेडिसिन के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डस्टिन शीनॉस्ट ने कहा, “दर्द सिर्फ शरीर का नहीं होता, उसका असर मन पर भी पड़ता है. हमारी रिसर्च यह दिखाती है कि फिजिकल बीमारियां मेंटल हेल्थ पर भी असर डालता हैं.” रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि शरीर में होने वाली सूजन (इंफ्लेमेशन) की वजह से भी दर्द और डिप्रेशन का आपस में संबंध हो सकता है. सूजन से जुड़ा एक प्रोटीन, सी-रिएक्टिव प्रोटीन (जो लिवर द्वारा सूजन में बनता है) इस संबंध को समझने में मदद कर सकता है. 
 
4 लाख 31 हजार से ज्यादा लोगों पर हुआ रिसर्चयह स्टडी यूके बायोबैंक के 4 लाख 31 हजार से ज्यादा लोगों के आंकड़ों पर निर्भर है, जिनको 14 साल तक फॉलो किया गया. दर्द को सिर, चेहरा, गर्दन, पीठ, पेट, कमर, घुटना और सामान्य दर्द जैसे हिस्सों में बांटा गया था. रिसर्च में यह भी सामने आया कि चाहे दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो, अगर वह लंबे समय तक बना रहता है, तो उससे डिप्रेशन होने के चांसेस बढ़ जाता है.
 
दर्द और डिप्रेशन के पीछे के कारणों को पहचानना है जरूरीप्रोफेसर शीनॉस्ट ने कहा, “हम अकसर मेंटल हेल्थ को शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे दिल या लिवर से अलग मानते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि हमारे शरीर के सभी अंग एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं.” रिसर्चर्स का मानना है कि अगर दर्द और डिप्रेशन के पीछे के कारणों को और गहराई से समझा जाए, तो इसका इलाज खोजने में मदद मिल सकती है.–आईएएनएस
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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