आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान ने लोगों को कई बीमारियों की तरफ धकेल दिया है. जहां पहले केवल लिवर में फैट जमने यानी फैटी लिवर की समस्या आम मानी जाती थी, वहीं अब एक और चौंकाने वाला ट्रेंड सामने आ रहा है- फैटी हार्ट. जी हां, सिर्फ लिवर ही नहीं, आपका दिल भी फैटी हो सकता है और यह उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना कि कोई अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारी.
फैटी हार्ट का मतलब है दिल के चारों ओर या उसके अंदर जरूरत से ज्यादा फैट का जमा हो जाना, जिसे मेडिकल भाषा में एपिकार्डियल फैट एक्युमुलेशन कहा जाता है. ये फैट धीरे-धीरे दिल के काम करने की पावर को प्रभावित करता है और हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, अनियमित धड़कन जैसी समस्याओं को जन्म देता है. परेशानी की बात ये है कि इसकी शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते, जिससे लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते.
कैसे जमा होता है फैट?फैटी हार्ट मुख्य रूप से मोटापे, ज्यादा तला-भुना और जंक फूड खाने, शारीरिक गतिविधियों की कमी, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान और ज्यादा शराब के सेवन के कारण होता है. ये सभी कारण धीरे-धीरे दिल के चारों ओर फैट जमा कर देते हैं जो बाद में दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है.
फैटी हार्ट के लक्षणशुरुआती चरणों में फैटी हार्ट के लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन समय के साथ सीने में भारीपन, जल्दी थकान, सांस फूलना, अनियमित धड़कन, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं.
कैसे करें पहचान?इसकी पहचान के लिए डॉक्टर ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी, एमआरआई, सीटी स्कैन और ब्लड रिपोर्ट्स (लिपिड प्रोफाइल, शुगर लेवल) की मदद से जांच करते हैं.
फैटी हार्ट से कैसे बचें?* अपनी डाइट में बदलाव करें, ओमेगा-3 फैटी एसिड लें* तला-भुना और जंक फूड कम करें* रोजाना 30-45 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें* योग और मेडिटेशन को रूटीन का हिस्सा बनाएं* ब्लड शुगर और बीपी कंट्रोल रखें* डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.