AMR Infections Killed Over 3 Million Children: एक नए स्टडी में ये बात सामने आई है कि 2022 में ग्लोबल लेवल पर 30 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत एंटीमाइक्रोबियल रिजिस्टेंस (AMR) रिलेटेड इंफेक्शंस के जरिए हुई. ऑस्ट्रिया (Austria) के वियना (Vienna) में ‘ईएससीएमआईडी ग्लोबल 2025’ (ESCMID Global 2025) प्रोग्राम में पेश किए गए इस अध्ययन में पिडियाट्रिक एएमआर को कंट्रोल करने के लिए रिजनल और ग्लोबल रणनीतियों की तत्काल जरूरत पर जोर दिया गया है, खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका जैसे हाई बर्डेन वाले एरियाज में.
बच्चों के लिए बेहद खतरनाकएएमआर बच्चों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करता है, जो संक्रमणों के प्रति हद से ज्यादा संवेदनशील होते हैं. प्रोडक्ट के विकास में देरी के कारण बच्चों के लिए नई एंटीबायोटिक दवाओं तक पहुंच अक्सर बहुत सीमित होती है. स्टडी के आंकड़ों में पाया गया कि अकेले 2022 में, दक्षिण पूर्व एशिया में 752,000 से ज्यादा और अफ्रीका में 659,000 बच्चों की मौत एएमआर-से कॉम्पलिकेशंस के कारण हुई. इनमें से कई मौतें वॉच एंटीबायोटिक्स (हाई रिस्क ऑफ रिजेस्टेंस वाली दवाएं) और रिजर्व एंटीबायोटिक्स (गंभीर, मल्टीड्रग-रेजिस्टेंट के लिए लास्ट रिसॉर्ट ट्रीटमेंट) के इस्तेमाल से जुड़ी थीं.
क्या कहती है रिसर्चरिसर्चर्स के मुताबिक, वॉच और रिजर्व एंटीबायोटिक्स का मकसद फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट के लिए नहीं है और उनका यूज सिर्फ उन लोगों तक ही सीमित होना चाहिए जिन्हें उनकी इफेक्टिवनेस को बनाए रखने और प्रतिरोध के विकास को कम करने के लिए उनकी जरूरत है. इसके उलट, एक्सेस एंटीबायोटिक्स वे हैं जो ज्यादा वाइडी अवेलेबल हैं और रेजिस्टेंस बढ़ाने की उनकी कम क्षमता के कारण सामान्य संक्रमणों के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं.
30 लाख बच्चों की मौत2019 और 2021 के बीच, दक्षिण पूर्व एशिया में वॉच एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल 160 फीसदी और अफ्रीका में 126 फीसदी बढ़ गया. इसी ड्यूरेशन के दौरान, दक्षिण पूर्व एशिया में रिजर्व एंटीबायोटिक्स का यूज 45 फीसदी और अफ्रीका में 125 फीसदी बढ़ गया. ग्लोबल लेवल पर, 30 लाख से ज्यादा बच्चों की मौतों में से 20 लाख मौतें वॉच और रिजर्व एंटीबायोटिक्स के यूज से जुड़ी थीं.
लॉन्ग टर्म रिस्कस्टडी के को-ऑथर प्रोफेसर जोसेफ हारवेल (Joseph Harwell) ने टिप्पणी की, “जबकि ड्रग रेजिस्टेंस इंफेक्शन में कंकरेंट राइज के रिस्पॉन्स के रूप में वॉच और रिजर्व एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल में इजाफा जरूरी हो सकता है, इन दवाओं के इस्तेमाल में शार्प राइज कई गंभीर लॉन्ग टर्म रिस्क पेश करती है.”
उन्होंने कहा, “उनका बढ़ा हुआ इस्तेमाल, खासकर बिना सावधानीपूर्वक निगरानी के, रेजिस्टेंस के जोखिम को बढ़ाता है और भविष्य के उपचार विकल्पों को सीमित करता है. अगर बैक्टीरिया इन एंटीबायोटिक दवाओं को लेकर रेजिस्टेंस डेवलप करते हैं, तो मल्टीड्रग-रेजिस्टेंस इंफेक्शन के इलाज के लिए कुछ ही, अगर कोई हों, विकल्प बचेंगे.”
कुछ देशों में गंभीर मामलेलो और मिडिल इनकम वाले देशों में एएमआर की गंभीरता में कई फैक्टर्स योगदान करते हैं, जिनमें भीड़भाड़ वाले अस्पताल, खराब हाइजीन और कमजोर संक्रमण रोकथाम उपाय शामिल हैं जो हेल्थकेयर सेटिंग्स और समुदायों के भीतर रेजिस्टेंट पैथोजेंस के प्रसार को आसान बनाते हैं.
इसके अलावा, कई लो और मिडिल इनकम वाले देशों में इफेक्टिव नेशनल सर्विलांस और एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप प्रोग्राम की कमी है, जिससे रेजिस्टेंस के रुझानों को ट्रैक करना और इफेक्टिव ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल स्थापित करना मुश्किल हो जाता है.
फेलियर की तरफ कदमप्रोफेसर हारवेल ने कहा, “वॉच और रिजर्व एंटीबायोटिक्स के प्रति बढ़ता रेजिस्टेंस आखिरकार हाई ट्रीटमेंट फेलियर की तरफ ले जाएगा,” उन्होंने कहा कि इस मसले के हल के लिए रीजनल और ग्लोबल दोनों लेवल पर तुरंत और कोऑर्डिनेटेड एक्शन की जरूरत है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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