Last Updated:April 10, 2025, 10:56 ISTDeoria Jathabeer Baba Dham: देवरिया के भाटपार रानी तहसील के बेलपार पंडित गांव में स्थित जटहाबीर बाबा का स्थान आस्था और विश्वास का केंद्र है. 130 साल पुराना यह स्थल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.X
130 वर्षों से आस्था का केंद्र: जटहाबीर बाबा के दरबार में उमड़ती श्रद्धा की गंगाहाइलाइट्सदेवरिया में स्थित जटहाबीर बाबा का धाम आस्था का केंद्र है.130 साल पुराना यह स्थल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.बाबा की कृपा से यहां आने वाला खाली हाथ नहीं लौटता.देवरिया: यूपी-बिहार की सीमा पर बसे देवरिया जनपद के भाटपार रानी तहसील के एक छोटे से गांव बेलपार पंडित में एक चमत्कारी स्थान है जटहाबीर बाबा का स्थान. यह स्थान केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और लोकगाथाओं का जीवंत प्रमाण है. 130 वर्षों से भी अधिक पुराना यह स्थल आज भी हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है.
बाबा जटहाबीर के बारे में तरह-तरह की कहानियां प्रचलित हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी गांव के लोगों के ज़रिए आगे बढ़ती रही हैं. गांव के ही अक्षय लाल राजभर, जिनकी बाबा के स्थान के ठीक बगल में एक छोटी सी चाय की दुकान है, वर्षों से आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को चाय पिलाते और उनकी बातें सुनते आ रहे हैं. उन्होंने इस स्थान का इतिहास बताते हुए कहा कि बाबा जी बहुत बड़े तपस्वी थे. कहते हैं उनकी जटाएं इतनी बड़ी थीं कि ज़मीन पर लिपटती थीं. जब चलते थे तो ऐसा लगता था जैसे कोई हवा के झोंके के साथ चल रहा हो.
अक्षय लाल राजभर बताते हैं कि जिस स्थान पर बाबा ने देह त्यागी, वहां पहले एक बहुत ही पुराना और भारी-भरकम जामुन का पेड़ था. वह पेड़ अब तो नहीं रहा, लेकिन उसकी छाया में बाबा जी ने वर्षों तक साधना की और वहीं उन्होंने अपनी अंतिम समाधि ली.
इस स्थान की प्रसिद्धि केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है. बिहार के गोपालगंज, सिवान, छपरा और यूपी के कुशीनगर, महाराजगंज, गोरखपुर तक से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. वैसे तो हर दिन यहां भक्तों की आवाजाही रहती है, लेकिन सावन के महीने में यह स्थान आस्था की गंगा बन जाता है. यहां पैर रखने की जगह नहीं होती है. हर कोना ‘बाबा की जय’ के नारों से गूंज उठता है.
मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा से कुछ मांगता है, उसकी झोली खाली नहीं जाती. कोई नौकरी, कोई संतान, कोई स्वास्थ्य और कोई शांति के लिए यहां आता है. बाबा की कृपा से हर कोई कुछ न कुछ पाकर लौटता है. जटहाबीर बाबा का यह स्थान न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुका है. यहां न कोई भेद है, न दूरी—सिर्फ भक्ति है, विश्वास है और बाबा का आशीर्वाद है.
Location :Deoria,Deoria,Uttar PradeshFirst Published :April 10, 2025, 10:56 ISThomedharm130 साल पुराना चमत्कारी धाम, यहां आने वाला नहीं लौटता खाली हाथ!Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.