Last Updated:April 07, 2025, 14:41 ISTMoradabad News: मुरादाबाद के नासिर कमाल ने फुटबॉल खेलते हुए रेलवे में नौकरी पाई और अब बच्चों को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं. उनके 24 खिलाड़ी नेशनल में भाग ले चुके हैं.X
footballहाइलाइट्सनासिर कमाल ने फुटबॉल खेलते हुए रेलवे में नौकरी पाई.24 खिलाड़ी नेशनल प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं.नासिर कमाल सैकड़ों बच्चों को आत्मनिर्भर बना चुके हैं.
मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद में नासिर कमाल कभी खुद फुटबॉल खिलाड़ी थे. उन्होंने फुटबॉल खेलते हुए स्पोर्ट कोटे से रेलवे में मुख्य टिकट निरीक्षक की नौकरी प्राप्त की. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. आज भी वह फुटबॉल खेलते हैं और बच्चों को प्रैक्टिस कराते हैं. नासिर कमाल अब तक सैकड़ों बच्चों को आत्मनिर्भर बनाकर रोजगार से जोड़ चुके हैं. उनका उद्देश्य बच्चों को स्पोर्ट्स के क्षेत्र में लाकर उन्हें कामयाब बनाना है. नासिर कमाल के कई स्टूडेंट्स हैं, जो आबकारी विभाग, पुलिस सहित कई विभागों में स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी प्राप्त कर काम कर रहे हैं.
अब तक 24 खिलाड़ियों ने नेशनल में किया पार्टिसिपेटमोहम्मद नासिर कमाल ने बताया कि मैं मुरादाबाद में जिला फुटबॉल एसोसिएशन का जनरल सेक्रेटरी हूं. 2013 से हमें यहां फुटबॉल एसोसिएशन का चार्ज मिला है. 24 खिलाड़ी मेरे नेशनल प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं, जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. इसके अलावा, मैं नियमित रूप से बच्चों को फुटबॉल की ट्रेनिंग देता हूं और सिखाता हूं. इन 24 खिलाड़ियों के अलावा भी मैंने दर्जनों बच्चों को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया है.
1993 में लगी जॉबउन्होंने कहा कि 1992 में मैंने संतोष ट्रॉफी खेली थी और 1993 में मुझे स्पोर्ट कोटे से नौकरी मिल गई थी. इससे पहले की स्थिति बहुत कठिन थी. हम घर से खेलने नहीं जाते थे और छुप-छुप कर खेलते थे. कई बार हमारी पिटाई भी होती थी. परिवार के लोग कहते थे कि पहले पढ़ाई पर ध्यान दो, लेकिन हमने खेल पर ज्यादा ध्यान दिया. इसके कारण हमें घर पर डांट भी सुननी पड़ती थी. धीरे-धीरे हम खेल की ओर बढ़ते गए और खेल से ही हमने सफलता का रास्ता चुना. और फिर मेरा चयन रेलवे में मुख्य टिकट निरीक्षक के पद पर हो गया.
स्टेडियम में है तमाम समस्याएंउन्होंने कहा कि जब हमने चार्ज संभाला था, तब मुरादाबाद में खेल माफियाओं का दबदबा था. हमने इसे धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश की है, लेकिन अभी भी कुछ लोग वहां पर काबिज हैं. स्टेडियम में बच्चे खुलकर प्रैक्टिस नहीं कर पाते, खासकर लड़कियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन धीरे-धीरे चीजें ठीक हो रही हैं और हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे खेल में आकर सफलता की ओर बढ़ें.
Location :Moradabad,Uttar PradeshFirst Published :April 07, 2025, 14:41 ISThomesportsMoradabad News: नासिर कमाल ने फुटबॉल से बच्चों को बनाया आत्मनिर्भर