यूपी में यहां है अनोखा मंदिर…मुगलों के अत्याचार से बचाने के लिए आसमान से बरसाए थे आग के गोले

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यूपी में यहां है अनोखा मंदिर...मुगलों के अत्याचार से बचाने के लिए आसमान से बरसाए थे आग के गोले

Last Updated:March 24, 2025, 12:13 ISTFirozabad Julelal Mandir: फिरोजाबाद में भगवान झूलेलाल का मंदिर है, जहां उनकी पूजा होती है. विदेशी आक्रांताओं से रक्षा के लिए भगवान ने झूलेलाल के रूप में अवतार लिया था. फिर ऐसा चमत्कार हुआ कि आसमान से आग के गोले…और पढ़ेंX

भगवान झूलेलाल मंदिरहाइलाइट्सफिरोजाबाद में भगवान झूलेलाल का अनोखा मंदिर है.भगवान झूलेलाल ने विदेशी आक्रांताओं से रक्षा की.सिंधु प्रांत में भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था.धीर राजपूत/ फिरोजाबाद : यूपी के फिरोजाबाद में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना की जाती है. विदेशी आक्रांताओं के अत्याचारों से परेशान होकर सिंधु प्रांत के लोगों ने भगवान से गुहार लगाई, जिसके बाद भगवान ने झूलेलाल के रुप में अवतार लिया और फिर ऐसा चमत्कार हुआ कि आसमान से आग के गोले बरसने लगे, जिससे विदेशी आक्रांताओं से लोगों की रक्षा हुई. इसके बाद प्रांत के लोगों ने  भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना शुरु की. इस परंपरा को लोग आज भी मनाते आ रहे हैं. हर साल उनकी जयंती भी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है.

विदेशी आक्रांताओं से रक्षा के लिए हुआ था भगवान झूलेलाल का अवतार

फिरोजाबाद के लेबर कॉलोनी में स्थित भगवान झूलेलाल मंदिर समिति के संरक्षक नानकचंद वासवानी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि भगवान झूलेलाल का अवतार विदेशी आक्रांताओं से रक्षा के लिए हुआ था. प्राचीन काल में जब विदेशी ताकतों ने हिंदुस्तान में प्रवेश किया तो पहला स्थान सिंधु प्रांत पड़ता था. इन्होंने  सिंधु प्रांत के लोगों पर अत्याचार किए, जिससे हिंदू जनमानस बहुत ही प्रताड़ित हुआ. जिसके बाद वहां के लोगों ने भगवान से प्रार्थना की. सिंधु प्रांत में सात नदियों का जल बहता था और वहां के लोग जलदेव की पूजा करते थे.  इसलिए उन्होने भगवान वरुण देव से प्रार्थना की. लगभग चालीस दिन तक सिंधु प्रांत के लोगों ने सिंधु नदी के किनारे भगवान वरुण देव की पूजा की. जिसके बाद भगवान ने भक्तों की वेदना सुनकर वहां पर अवतार लिया.

ठा. रत्नराय के घर लिया था जन्म

नानकचंद ने बताया कि भक्तों की पुकार सुनकर भगवान ने सिंधु प्रांत में रहने वाले ठा. रत्नराय के घर एक बालक के रुप में जन्म लिया, जिसका नाम अमृतलाल रखा गया, लेकिन बालक को झूले में झूलने का शौक था. इसलिए उनकी मां ने इनका नाम झूलेलाल रख दिया. वेदेशी मुगलशासकों के अत्याचारों से सिंधु प्रांत के लोगों को बचाने के लिए भगवान झूलेलाल ने आसमान से अग्निवर्षा की और आसमान से पत्थर भी बरसे लेकिन ये पत्थर मुगलशासकों की सेना पर बरसाए जाते थे. एक भी पत्थर उनके भक्तों के ऊपर नहीं गिरा. वहीं उन्होने सिंधु प्रांत में एक चमत्कारिक महल भी बनाया, जिसे उन्होंने उल्टा कर दिया. इस महल को देखने के लिए आज भी लोग वहां जाते हैं. फिरोजाबाद में भी भगवान झूलेलाल का यह मंदिर स्थापित है. जहां सिंधी समाज के लोग भगवान झूलेलाल की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.
Location :Firozabad,Firozabad,Uttar PradeshFirst Published :March 24, 2025, 12:13 ISThomedharmयूपी में यहां है अनोखा मंदिर..मुगलों बचाने के लिए आसमान से बरसाए थे आग के गोलेDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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