Last Updated:March 18, 2025, 12:32 ISTUP School, Supreme Court News: उत्तर प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों के बैंक खातों की जांच होगी, क्योंकि उन्होंने कोरोना काल में अतिरिक्त चार्जेज वसूले थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिए हैं.School news, School, Supreme Court: यूपी के स्कूलों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश.हाइलाइट्सउत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के बैंक खातों की जांच होगी.सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए समिति गठित की.स्कूलों को 3 सप्ताह में बैंक खाते और बैलेंस शीट पेश करनी होगी.UP School, Supreme Court News: उत्तर प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों के बैंक खातों की जांच होगी. इन स्कूलों ने कोरोना काल में कई स्टूडेंटस और अभिभावकों से अतिरिक्त चार्जेज वसूले थे. इसको लेकर यूपी के कई स्कूलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिए.
समिति करेगी जांचसुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जीपी मित्तल और आदिश मेहरा की सदस्यता वाली एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं यह समिति चार महीने के अंदर सुप्रीम कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह के अंदर अपने स्कूलों के बैंक खाते और बैलेंस शीट को कमेटी के सामने रखने के निर्देश दिए हैं. सीजेआई ने कहा कि इस मामले में हरेक तथ्यों और खातों की जांच की आवश्यकता है. इन परिस्थितियों में हम दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जीपी मित्तल और आदिश मेहरा की सदस्यता वाली एक समिति गठित करते हैं, जो खातों की जांच करेगी और संबंधित अवधि के दौरान संबंधित स्कूलों की वित्तीय स्थिति के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुई सुनवाईसुप्रीम कोर्ट में कोविड महामारी अवधि (2020-21 सत्र) के दौरान प्राइवेट स्कूलों द्वारा छात्रों से ली गई अतिरिक्त राशि (कुल फीस का 15%) को वापस लौटने ( Return ) या उसे समायोजित ( Adjust ) करने का निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई.इस मामले में पिछली सुनवाई की अगर बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था.इस मामले में 18 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि मौजूदा याचिका पर नोटिस जारी करते हुए हमने याचिकाकर्ता स्कूलों को 1.4.2018 से 31.3.22 के लिए बैलेंस शीट की एक प्रति दाखिल करने का निर्देश दिया था. यह भी निर्देश दिया गया था कि हलफनामा दाखिल करके बताएं कि क्या कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन में कोई कमी आई है और क्या दिन-प्रतिदिन के खर्चे में कमी आई है.इस मामले में हलफनामे दाखिल किए गए हैं.
स्कूल ही उठाएंगे समिति का खर्च सर्वोच्च न्यायालय 15 मई 2023 के आदेश में दिए गए निर्देशों पर विचार करेगा, स्कूल आज से 3 सप्ताह की अवधि के भीतर समिति को अपेक्षित बिल प्रस्तुत करेंगे. संबंधित स्कूल संघ/अभिभावक प्रति प्रस्तुत करेंगे और उनकी बात सुनी जाएगी, समिति को आयकर रिटर्न सहित अन्य विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहने का अधिकार होगा. समिति को प्रति स्कूल (न्यायमूर्ति मित्तल) 1 लाख रुपये और प्रति स्कूल (सीए मेहरा) 75000 रुपये का भुगतान किया जाएगा. स्कूल ही इस राशि का भुगतान करेंगे. यह जांच आज से 4 महीने के भीतर पूरी की जाएगी. अंतरिम आदेश जारी रहेगा.
First Published :March 18, 2025, 12:21 ISThomecareerUP के कई प्राइवेट स्कूलों के बैंक खाते की होगी जांच, आपका स्कूल भी तो नही?