Top 6 Ways To Minimise Microplastics Exposure in Human Body To Avoid Cancer Like Disease | बॉडी में माइक्रोप्लास्टिक की एंट्री रोकने के 5 उपाय, ताकि कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा हो कम

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Top 6 Ways To Minimise Microplastics Exposure in Human Body To Avoid Cancer Like Disease | बॉडी में माइक्रोप्लास्टिक की एंट्री रोकने के 5 उपाय, ताकि कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा हो कम



Microplastics Exposure: मौजूदा के दौर में प्लास्टिक हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक के रूप में ये हमारे शरीर में भी दाखिल हो रहा है? ये बेहद छोटे प्लास्टिक के कण होते हैं, जो हवा, पानी, खाने और यहां तक कि हमारे खून में भी पाए जाते हैं. कई रिसर्च बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक के बढ़ते लेवल से कैंसर, हार्मोनल इम्बैलेंस, हार्ट डिजीज और दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करें, जिससे शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की एंट्री को रोका जा सके. आइए जानते हैं वो असरदार उपाय, जिनके जरिए आप सेफ्टी की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं. 
1. प्लास्टिक की बोतल यूज न करेंप्लास्टिक की पानी की बोतलें धीरे-धीरे छोटे-छोटे माइक्रोप्लास्टिक कण छोड़ती हैं, जो पानी में मिल जाते हैं. अगर आप रोजाना प्लास्टिक की बोतल से पानी पीते हैं, तो आपके शरीर में माइक्रोप्लास्टिक जाने की आशंका अधिक होती है. 
क्या करें?-स्टेनलेस स्टील या कांच की बोतल का इस्तेमाल करें.-प्लास्टिक की बोतलों को गर्मी या धूप में न रखें, क्योंकि इससे प्लास्टिक के कण और ज्यादा निकल सकते हैं.
2. प्लास्टिक पैक्ड फूड से बचेंआजकल बाजार में मिलने वाला ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड प्लास्टिक पैकेजिंग में आता है, जिससे माइक्रोप्लास्टिक खाने में मिल सकता है.
क्या करें?-प्लास्टिक पैक्ड स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स और जूस की जगह फ्रेश और होममेड फूड खाएं.-कांच या स्टील के कंटेनर में खाना स्टोर करें.
3. नल का पानी छानकर पिएंएक रिसर्च के मुताबिक, नल के पानी में माइक्रोप्लास्टिक के कण हो सकते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर में जमा होते रहते हैं.
क्या करें?हाई-क्वालिटी वॉटर फिल्टर का इस्तेमाल करें.अगर मुमकिन हो तो RO या UV फिल्टर से पानी छानकर पिएं.
4. सिंथेटिक कपड़ों के ज्यादा इस्तेमाल से बचेंपॉलिएस्टर और नायलॉन जैसे कपड़ों से भी माइक्रोप्लास्टिक निकलता है, खासतौर पर जब हम उन्हें वॉशिंग मशीन में धोते हैं.
क्या करें?सूती (Cotton), लिनन (Linen) और ऊन (Wool) जैसे नैचुरल फैब्रिक के कपड़े पहनें.सिंथेटिक कपड़ों को बार-बार धोने से बचें और इको-फ्रेंडली डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें.
5. प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म खाना न खाएंगर्म खाना प्लास्टिक के संपर्क में आने पर उसमें से जहरीले तत्व निकल सकते हैं, जो शरीर के लिए नुकसानेह होते हैं.
क्या करें?-प्लास्टिक के बर्तनों की जगह स्टील, कांच या मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल करें.-माइक्रोवेव में प्लास्टिक के कंटेनर का इस्तेमाल न करें, आप कांच के बर्तन यूज कर सकते हैं.
6. हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करेंमाइक्रोप्लास्टिक हवा में भी मौजूद होते हैं, जो सांस के जरिए हमारे शरीर में पहुंच सकते हैं. इसलिए बेहतर है कि आप अच्छी क्वालिटी का एयर प्यूरीफायर यूज करें. 
क्या करें?-घर में एयर प्यूरीफायर या पौधे लगाएं, जो हवा को शुद्ध करें.-घर की साफ-सफाई पर ध्यान दें और ज्यादा से ज्यादा नेचुरल वेंटिलेशन रखें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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