आईआईटी कानपुर ने पावरग्रिड को दिया स्मार्ट रोबोट, बिजली सप्लाई होगी बेहतर

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आईआईटी कानपुर ने पावरग्रिड को दिया स्मार्ट रोबोट, बिजली सप्लाई होगी बेहतर

Last Updated:March 13, 2025, 23:28 ISTiit kanpur: इस रोबोट का 13 जुलाई 2024 को पावरग्रिड कानपुर सबस्टेशन में सफल परीक्षण किया गया था. उस दौरान इसने बिजली से जुड़े उपकरणों की रियल-टाइम…..X

इंस्पेक्शन रोबोटकानपुर: सब स्टेशन में जब भी कोई कमी या खराबी आती है तो उसको ढूंढने में काफी समय लगता है. इससे आम जनता को भी काफी परेशानी होती है. इससे राहत पाने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन और पावर ग्रिड की तरफ से आईआईटी कानपुर से एक ऐसा इंस्पेक्शन रोबोट तैयार करने के लिए कहा गया था जो फाल्ट का पता लगा सके. आईआईटी कानपुर ने खास इंस्पेक्शन रोबोट तैयार कर दिया है जो अब पावर ग्रिड को सौंपा गया है.

आईआईटी कानपुर ने एक नया और उन्नत रोबोट विकसित किया है जो बिजली सबस्टेशन की निगरानी करेगा और संभावित खराबियों का पहले से पता लगाएगा. इस रोबोट को सबस्टेशन इंस्पेक्शन रोबोट (SIR) नाम दिया गया है. दिल्ली में आयोजित ग्रिडकॉन 2025 कार्यक्रम में यह रोबोट पावरग्रिड को सौंपा गया. इस मौके पर भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल और पावरग्रिड के अध्यक्ष रवींद्र कुमार त्यागी भी मौजूद थे.

ऐसे काम करेगा यह रोबोटआईआईटी कानपुर और पावरग्रिड के सहयोग से बनाए गए इस स्वायत्त (ऑटोमेटेड) मोबाइल रोबोट में कई उन्नत तकनीकें हैं. इसमें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) संचालित नेविगेशन, LiDAR, डेप्थ कैमरा, इंफ्रारेड (IR) और मोशन सेंसर लगे हैं, जो इसे बिना किसी मानव सहायता के काम करने में मदद करते हैं. यह रोबोट सबस्टेशन में घूमकर जरूरी उपकरणों की जांच करेगा और अगर कोई समस्या होगी, तो उसकी सूचना पहले ही दे देगा.

पहले भी हो चुका है सफल परीक्षणइस रोबोट का 13 जुलाई 2024 को पावरग्रिड कानपुर सबस्टेशन में सफल परीक्षण किया गया था. उस दौरान इसने बिजली से जुड़े उपकरणों की रियल-टाइम (वास्तविक समय) स्थिति को रिकॉर्ड किया और खराबी की संभावनाओं का पता लगाया. यह रोबोट पूर्वानुमानित  रखरखाव में मदद करेगा, जिससे बिजली की सप्लाई में रुकावट नहीं आएगी.

आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की रायआईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा, “भारत के विकास के लिए बिजली की निर्बाध (बिना रुकावट) आपूर्ति बहुत जरूरी है. हमारा SIR रोबोट सबस्टेशन निरीक्षण को और अधिक सुरक्षित और कुशल बनाएगा. यह मशीन लर्निंग और एडवांस विज़न प्रोसेसिंग तकनीक से काम करता है, जिससे बिजली से जुड़े उपकरणों की समय पर जांच हो सकेगी.”

इस परियोजना के प्रमुख वैज्ञानिक प्रो. बिशाख भट्टाचार्य ने बताया कि यह रोबोट ओवरहीटिंग, लीकेज और संरचनात्मक क्षति जैसी समस्याओं का पता लगाएगा. यह ऑटोमेटेड पथ-नियोजन और एडवांस सेंसर तकनीक का उपयोग करता है, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित होने से पहले ही संभावित खराबियों की जानकारी मिल जाएगी. यह न केवल समय बचाएगा, बल्कि बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा.

पावरग्रिड को ऐसे मिलेगा फायदापावरग्रिड देशभर में 1,70,224 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों और 262 सबस्टेशनों का संचालन करता है. इस नेटवर्क में रोबोटिक निगरानी प्रणाली जोड़ने से कई फायदे होंगे. कुछ फायदे हम आपको बताने जा रहे हैं जिनमें एक खास बात यह है कि यह मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के जरिए खराबी की पहचान तेजी से करता है. यानी यह समस्या को जल्दी ढूंढ लेता है.

मानव जोखिम में कमी के लिए यह उपयोगी है. इससे बिजली कर्मियों को खतरनाक परिस्थितियों में काम नहीं करना पड़ेगा. यह उपकरणों की उम्र बढ़ाने और बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने में मदद करेगा. सब स्टेशन के अलावा यह कई जगह काम आ सकता है. अगर यह रोबोट बिजली सब स्टेशनों में सफल साबित होता है तो भविष्य में इसे हवाई अड्डों, कारखानों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. आईआईटी कानपुर का यह इनोवेशन भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है.
Location :Kanpur Nagar,Uttar PradeshFirst Published :March 13, 2025, 23:28 ISThomeuttar-pradeshआईआईटी कानपुर ने पावरग्रिड को दिया स्मार्ट रोबोट, बिजली सप्लाई होगी बेहतर

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