Last Updated:March 13, 2025, 19:27 ISTHoli 2025 : शाहजहांपुर में होली पर निकलने वाले लाट साहब के जुलूस को लेकर पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस जुलूस में लाट साहब को जूता मारने की परंपरा है. आइए जानते हैं कि लाट साहब को पहला जूता कब और कौन …और पढ़ेंX
होली शाहजहांपुर : कल रंगों का पर्व होली को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. शाहजहांपुर की होली बेहद ही संवेदनशील मानी जाती है. यहां होली के दिन ‘लाट साहब का जुलूस’ निकाला जाता है. जुलूस चौक कोतवाली क्षेत्र से शुरू होकर थाना सदर बाजार क्षेत्र के बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचता है. लेकिन जुलूस निकालने को लेकर कई परंपराओं का निर्वहन लाड साहब द्वारा किया जाता है जो कि बेहद दिलचस्प और रोचक हैं.
इतिहासकार डॉ. विकास खुराना ने बताया कि होली के मौके पर निकलने वाले लाट साहब के जुलूस की परंपरा सन 1857 से शुरू हुई जो कि बदस्तूर जारी है. होली के दिन गैर जनपद से आए हुए एक शख्स को भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है. इस जुलूस में हजारों की संख्या में हुड़दंगी शामिल होते हैं. जुलूस की अगुवाई कर रहे लाट साहब का स्वागत जूतों के साथ किया जाता है. जुलूस शहर के अलग-अलग इलाकों से होकर गुजरता है. जुलूस की शुरुआत चौक कोतवाली क्षेत्र के चौकसी नाथ मंदिर से होती है. यह जुलूस शहर के अलग-अलग इलाकों से होता हुआ थाना सदर बाजार क्षेत्र के बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचता है.
यहां मारा जाता है लाट साहब को पहला जूतागैर जनपद से आए हुए शख्स को लाट साहब की पदवी से नवाजा जाता है. लाट साहब सबसे पहले चौकसी नाथ मंदिर पहुंचते हैं. यहां लाट साहब माथा टेककर आशीर्वाद लेते हैं. उसके बाद यहां लाट साहब को माला पहना कर पहला जूता मारा जाता है. यहां से लाट निकल आतें हैं.
खामियां छुपाने को कोतवाल देते हैं सलामीमंदिर से निकलने के बाद लाट साहब को चौक कोतवाली पहुंचते हैं. यहां कोतवाल लाट साहब को सलामी देते हैं. इसके बाद लाट साहब कोतवाल से क्राइम रिकॉर्ड दिखाने को कहते हैं. परंपरा के अनुसार अपनी खामियों को छुपाने के लिए और लाट साहब को खुश करने के लिए कोतवाल उपहार स्वरूप नजराना भेंट करते हैं. उसके बाद लाट साहब भैंसा गाड़ी पर सवार होकर जुलूस की अगुवाई करते हुए शहर के अलग-अलग मार्गो से गुजरते हैं. इस दौरान रास्ते में लाट साहब के ऊपर बेहताशा जूतों की बरसात होती है. लाट साहब का यह जुलूस करीब 8 किलोमीटर का रास्ता तय करते हुए थाना सदर बाजार क्षेत्र के टाउन हॉल स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचता है. इसके बाद यहां से लाट साहब वापस चौक कोतवाली क्षेत्र के पटी गली पहुंचते हैं यहां जुलूस का समापन हो जाता है.
Location :Shahjahanpur,Uttar PradeshFirst Published :March 13, 2025, 19:27 ISThomeuttar-pradeshशाहजहांपुर के इस मंदिर में मारा जाता ‘लाट साहब’ को पहला जूता…