Urination And Kidney Health: किडनी शरीर से गंदे पदार्थों को अलग करके पेशाब के रूप में बाहर निकालने का काम करता है. ऐसे में जब कोई व्यक्ति पेशाब लगने पर उसे रोककर रखता है तो इससे किडनी की बीमारी समेत कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं.
हालांकि कई बार पेशाब रोकना मजबूरी हो जाती है, लेकिन यदि ऐसा आदतन करने लगे हैं, तो यह आपके हेल्थ को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. डॉ अमन गुप्ता, क्लिनिकल डायरेक्टर, यूरोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम इस बारे में क्या चेतावनी देते हैं, यहां हम आपको बता रहे हैं.
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पेशाब रोकने से शरीर पर असर
स्वस्थ वयस्क ब्लैडर में 300-500 मिलीलीटर पेशाब को होल्ड कर सकता है, और ज्यादातर लोग हर 3-4 घंटे में पेशाब जाने की इच्छा महसूस करते हैं. ऐसे में इसे रोकने से मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI),निचले हिस्से में दर्द, किडनी इंफेक्शन, पायलोनेफ्राइटिस जैसी गंभीर समस्या हो सकती है.
इतने समय बाद बिगड़ती है बात
एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि आप 10 घंटे या इससे ज्यादा देर तक पेशाब रोककर रखते हैं, तो इससे आप परेशानियों की रडार में आ जाते हैं. क्योंकि इससे मूत्राशय का अधिक खिंचाव होता है. जिससे संकुचन पैदा करने वाली मांसपेशियां कमजोर होने लगती है और पेशाब पूरी तरह से नहीं निकल पाता.
क्या पेशाब रोकने से किडनी खराब हो सकता है?
एक्सपर्ट बताते हैं कि कभी-कभी, अत्यधिक मूत्र अवरोधन से “वेसिकोयूरिटेरल रिफ्लक्स” जैसी स्थिति हो सकती है, जिसमें मूत्र मूत्राशय से वापस किडनी में चला जाता है. इस उल्टे प्रवाह से किडनी में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और समय के साथ यह किडनी के नुकसान या क्रोनिक किडनी बीमारी (CKD) का कारण बन सकता है.
किसे है ज्यादा जोखिम?
गर्भवती महिलाएं, बड़े प्रोस्टेट वाले पुरुष, मूत्राशय की समस्याओं वाले बच्चे, और बार-बार UTI की शिकायत वाले लोगों को खासतौर पर पेशाब को रोक कर रखने से बचना चाहिए.
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ध्यान रखें ये बात
एक्सपर्ट बताते हैं कि वैसे कभी-कभी पेशाब को रोकना खतरनाक नहीं है, लेकिन लगातार इस आदत को अपनाना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. पेशाब की नियमित आदतों को बनाए रखना, अधिक पानी पीना और मूत्र संबंधित लक्षणों का समय रहते इलाज कराना संक्रमण, मूत्राशय की समस्याओं और किडनी की समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.