Last Updated:March 08, 2025, 20:10 ISTInternational Womens Day: परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे स्कूल नहीं जा सकीं लेकिन, शिक्षा के प्रति उनका जुनून इस कदर था कि वे सड़क पर पड़े कागजों और दीवारों पर लिखी चीजों को पढ़कर खुद ही सीखने लगीं.X
फोटोचित्रकूट: आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने अपने जीवन में अनगिनत संघर्ष झेले लेकिन कभी हार नहीं मानी. चित्रकूट के पाठा क्षेत्र के मानिकपुर के सरहट गांव की रहने वाली बूटी देवी आज समाज में एक मिसाल बन चुकी हैं. उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ अपनी जिंदगी को संवारा बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनी हैं.
पढ़ाई का जुनून, हालात बने रोड़ाबचपन से ही बूटी देवी को पढ़ाई का बहुत शौक था लेकिन, आर्थिक तंगी और पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उनके सपनों को पूरा होने से पहले ही रोक दिया. परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे स्कूल नही जा सकीं लेकिन, शिक्षा के प्रति उनका जुनून इस कदर था कि वे सड़क पर पड़े कागजों और दीवारों पर लिखी चीजों को पढ़कर खुद ही सीखने लगीं.
शादी के बाद बढ़ी मुश्किलेंकहते हैं कि जिंदगी कभी भी एक जैसी नहीं रहती. बूटी देवी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उनकी शादी हुई तो लगा कि अब उनकी जिंदगी संवर जाएगी. उनके पति ट्रैक्टर चलाते थे और घर की गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही थी, लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही उनकी दुनिया फिर से बिखर गई. उनके पति का असमय निधन हो गया जिससे वे अकेली रह गईं. इससे घर चलाने की जिम्मेदारी अब उन पर आ गई थी.
नहीं मानी हारउन्होंने बताया कि पति के जाने के बाद उनके सामने चुनौतियां और भी बढ़ गईं, लेकिन उन्होंने खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया और एक सामाजिक संस्था में नौकरी की और मेहनत से अपनी आजीविका चलाई. इसी दौरान उन्होंने अपनी दो ननदों की शादी भी अपने दम पर करवाई जो उनके संघर्ष और समर्पण को दर्शाता है.
गांव के बच्चों के लिए बनीं शिक्षा दीदीअपने संघर्षों से गुजरते हुए बूटी देवी ने महसूस किया कि शिक्षा ही वह शक्ति है जो किसी भी इंसान की जिंदगी बदल सकती है. इसी सोच के साथ उन्होंने गांव के गरीब और जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना शुरू किया. उनका मानना है कि अगर बच्चों को सही मार्गदर्शन मिले तो वे अपने भविष्य को खुद संवार सकते हैं.
महिला दिवस पर महिलाओं को दिया संदेशबूटी देवी कहती हैं कोई भी महिला कमजोर नहीं होती. हमें खुद अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिए. अगर हम ठान लें तो कोई भी बाधा हमें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती. उनकी यह सोच और संघर्ष हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा है.
Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :March 08, 2025, 20:10 ISThomeuttar-pradeshInternational women’s day: चित्रकूट की महिला ने सड़क के कागजों से की पढ़ाई