These 5 diseases take away the eyesight more than 40 lakh people in the country are victims of blindness | ये 5 बीमारियां छीन लेती है आंखों की रोशनी, देश में 40 लाख से ज्यादा लोग ब्लाइंडनेस का शिकार

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These 5 diseases take away the eyesight more than 40 lakh people in the country are victims of blindness | ये 5 बीमारियां छीन लेती है आंखों की रोशनी, देश में 40 लाख से ज्यादा लोग ब्लाइंडनेस का शिकार



दुनिया और इसकी खूबसूरती का आनंद आप तभी ले सकते हैं जब आपकी आंखों में इसे देखने की क्षमता है. यदि आप आंखों से देख सकते हैं तो आप लकी है. हालांकि यह तब तक महसूस नहीं होता है जब तक कि आंखों की रोशनी खत्म न होने लगे. 2022 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 4.95 मिलियन लोग नेत्रहीन और 7 करोड़ दृष्टिबाधित व्यक्ति हैं, जिनमें से 0.24 मिलियन नेत्रहीन बच्चे हैं. 
इसमें जहां कई लोग जन्मजात अंधेपन का शिकार हैं, तो कई अपनी सेहत से जुड़ी परेशानियों को नजरअंदाज करने की वजह से देखने में असमर्थ हैं. यहां हम आपको 5 ऐसी बीमारियों के बारे में बता रहे हैं, जिसे यदि ठीक से मैनेज न किया जाए तो यह आंखों को पत्थर बना देती हैं. 
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मैक्युलर डिजनरेशन
यदि आप 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, तो एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन की प्रति जागरूक रहना आपके लिए बहुत जरूरी है. इसमें बढ़ती उम्र के साथ रेटिना डैमेज होने लगता है. हालांकि इसमें किसी तरह का दर्द नहीं होता लेकिन एक समय के बाद आंखों से पूरी तरह दिखना बंद हो जाता है.
ग्लूकोमा
ग्लूकोमा रोगों का एक समूह है जो आपकी आंख के पीछे की ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है. ग्लूकोमा के आधे से ज्यादा मरीजों को अपनी इस बीमारी का पता नहीं होता है.  क्योंकि यह बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है. इसमें सबसे पहले साइड विजन खराब होता है फिर व्यक्ति पूरी तरह से अंधा हो जाता है.
कैटरेक्ट (मोतियाबिंद)
मोतियाबिंद बुढ़ापे में होने वाली आंखों की सबसे कॉमन बीमारियों में से एक है. इसमें एक या दोनों आंखों में प्रोटीन के कारण लेंस धुंधला हो जाता है.  ये प्रोटीन एक घना क्षेत्र बनाते हैं, जिससे आपके लेंस के लिए आपकी आंख के अन्य हिस्सों में स्पष्ट चित्र भेजना मुश्किल हो जाता है और दिखना बंद हो जाता है.
डायबिटिक रेटिनोपैथी
डायबिटीज वाले मरीजों में रेटिनोपैथी का जोखिम सबसे ज्यादा होता है. इसमें हाई ब्लड शुगर होने के कारण रेटिना में मौजूद छोटी खून की वाहिकाएं डैमेज होने लगता है. ऐसे में इससे रिसाव होने या इसके असामान्य रूप से बढ़ने का खतरा होता है जिससे अंधेपन की समस्या हो सकती है.
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रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा, आंख को समय के साथ ख़राब करने वाला रोग है. बहुत कम पाया जाने वाला यह रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाता है. लक्षणों की शुरुआत अक्सर बचपन से हो जाती है जिनमें रात या कम रोशनी में दृष्टि में कमी या दूरदृष्टि दोष होता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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