Last Updated:March 03, 2025, 15:17 ISTगोरखपुर चिड़ियाघर में पीलीभीत से लाए गए बाघ केसरी को जंगल की याद सता रही है. बेचैनी में उसने सीसीटीवी कैमरा तोड़ा और पाइप तोड़ने की कोशिश की. प्रशासन उसकी निगरानी बढ़ा रहा है.X
उसके व्यवहार में बदलाव लाने के लिए विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है. हाइलाइट्सजंगल की याद में बेचैन बाघ केसरी ने सीसीटीवी कैमरा तोड़ा.केसरी ने कई बार बाड़े से निकलने की कोशिश की.चिड़ियाघर प्रशासन केसरी की निगरानी बढ़ा रहा है.गोरखपुर: पीलीभीत से गोरखपुर के चिड़ियाघर लाए गए बाघ केसरी को कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन उसे अब भी जंगल की याद सता रही है. चिड़ियाघर में उसे भले ही अच्छा माहौल मिला हो, लेकिन उसकी बेचैनी साफ दिखाई देती है. हाल ही में उसने चिड़ियाघर में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया और कई बार क्रॉल के पाइप को भी तोड़ने की कोशिश की, जिससे उसकी बेचैनी का अंदाजा लगाया जा सकता है.
जंगल से बाड़े तक का सफर सितंबर 2023 में पीलीभीत से लाए गए केसरी को 20 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिड़ियाघर के बाड़े में छोड़ा था. अधिकारियों को उम्मीद थी कि वह धीरे-धीरे नए माहौल में घुल-मिल जाएगा, लेकिन उसकी बेचैनी कम नहीं हुई है. चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, केसरी दूसरे बाघों की तुलना में कम घूमता है, लेकिन जब आसपास कोई नहीं होता, तो वह बाड़े से बाहर निकलने की कोशिश करता है.
क्रॉल में बढ़ी निगरानी चिड़ियाघर प्रशासन ने केसरी को बाड़े और क्रॉल में ज़्यादा समय तक रखने का फैसला किया है ताकि वह दूसरे जानवरों को देख सके और चिड़ियाघर के माहौल को समझ सके. डॉ. योगेश प्रताप सिंह, उप निदेशक एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि केसरी पर पूरी नज़र रखी जा रही है और उसके व्यवहार में बदलाव लाने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है.
जंगल की ललक जानकारों का कहना है कि जंगल में खुले माहौल में पला-बढ़ा बाघ अचानक सीमित जगह में खुद को ढालने में समय लेता है. केसरी का व्यवहार भी यही दिखाता है कि उसे जंगल की आजादी की कमी खल रही है. हालांकि, चिड़ियाघर प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि वह जल्द ही इस नए माहौल में खुश रहे और सामान्य जीवन बिताए.
Location :Gorakhpur,Uttar PradeshFirst Published :March 03, 2025, 15:17 ISThomeuttar-pradeshजंगल की याद में बेचैन बाघ ‘केसरी’ ने तोड़ा CCTV कैमरा, प्रशासन ने बढ़ाई निगरा