आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां और औषधियां दी गई हैं जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी कारगर साबित होती हैं. ऐसी ही एक प्रभावशाली औषधि है ‘पुनर्नवा’.
यह एक छोटी सी जड़ी-बूटी है, जिसे आयुर्वेद में रामबाण और अमृत जैसे गुणों से नवाजा गया है. इसे शोथहीन या गदहपूरना नाम से भी जाना जाता है. यह जड़ी-बूटी खाने में कड़वी और तीखी हो सकती है. लेकिन इसका सेवन कई गंभीर बीमारियों के इलाज में बहुत कारगर साबित होता है.
पुनर्नवा में मौजूद औषधि गुण
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया है कि पुनर्नवा में इम्यूनो मॉड्यूलेशन, हेपेटो प्रोटेक्शन, एंटी कैंसर, एंटीडायबिटिक, और एंटी-इन्फ्लेमेशन जैसे गुण पाए जाते हैं. ये गुण शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, सोडियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं.
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दिल के लिए टॉनिक
पुनर्नवा का उपयोग मुख्य रूप से किडनी और मूत्र संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है. यह हार्ट के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है, क्योंकि यह दिल की कार्यप्रणाली को सुधारने में मदद करता है और बीपी को कंट्रोल करता है.
मधुमेह- अस्थमा में भी फायदेमंद
पुनर्नवा का उपयोग केवल किडनी और दिल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जड़ी-बूटी पीलिया, बुखार, मोटापा, अस्थमा, और रतौंधी जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है. पुनर्नवा की जड़ का रस रतौंधी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा, सामयिक उपयोग से दर्द और सूजन में भी कमी आती है.
पुनर्नवा के अन्य लाभ
– मोटापे और ड्रॉप्सी (जलोदर) का इलाज- पेट के कीड़ों को मारना- त्वचा रोगों और एनीमिया के लिए लाभकारी- कब्ज की समस्या में राहत देना
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कैसे करें पुनर्नवा का सेवन
पुनर्नवा का सेवन बीमारी के अनुसार, अलग-अलग होता है. हालांकि रोज एक गिलास पानी में 1 चम्मच पुनर्नवा का रस पीना सुरक्षित और सेहतमंद माना जाता है.
-एजेंसी-
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