खुजली वाले दाने को खुजलाना आम तौर पर किसी भी शख्स को अच्छा लगता है. ऐसा इसलिए क्योंकि रगड़ने से हल्का दर्द होता है, जो ब्रेन की खुजली की फीलिंग्स से दूर रखता है. दर्द ब्रेन को सेरोटोनिन (अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन) छोड़ने का इशारा करता है और वहां खुजलाने से नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया कम हो जाते हैं.
खुजलाने के लाभ
एक नए स्टडी से पता चलता है कि दाने को खुजलाने के अन्य लाभ भी हैं और वो नुकसान भी हैं जिनके बारे में आपकी माँ ने आपको चेतावनी दी थी! पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में स्किन साइंस और प्रतिरक्षा विज्ञान के प्रोफेसर और वरिष्ठ स्टडी ऑथर डॉ. डैनियल कपलान का रिसर्च पेपर हाल ही में साइंस जर्नल में छपा.
चूहों पर की गई स्टडी ने कई खुलासे किए. कुछ चूहों को उनके दाने को खुजलाने दिया गया. उनके कान सूज गए और न्यूट्रोफिल से भर गए, एक प्रकार की व्हाइट ब्लड सेल जो शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है. रिसर्चर्स ने यह भी देखा कि खरोंचने से दर्द को महसूस करने वाले न्यूरॉन्स पदार्थ पी नामक रसायन छोड़ते हैं, जो मास्ट सेल्स को एक्टिव करता है.
मास्ट सेल्स केमिकल छोड़ कर एलर्जी का सामना करती है
मास्ट सेल्स इम्यून सेल होती हैं, जो एलर्जी का सामना करने पर केमिकल छोड़ती हैं. केमिकल में हिस्टामाइन शामिल है, जो एलर्जी के रिएक्शन के स्थान पर सूजन और रेडनेस का कारण बनता है. पलान ने समझाया, “मास्ट सेल्स सीधे एलर्जी द्वारा एक्टिव होती हैं, जो मामूली सूजन और खुजली को बढ़ाती हैं. खुजलाने से सब्सटेंस पी रिलीज होता है, जो मास्ट सेल्स को एक्टिव करता है.”
खुजलाने से स्टैफिलोकोकस ऑरियस से होती है बचाव
पॉजिटिव साइड पर, रिसर्चर्स ने पाया कि मास्ट सेल्स बैक्टीरिया और दूसरे पैथोजन्स से रक्षा करती हैं. आगे के प्रयोगों से पता चला कि खरोंचने से त्वचा पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस की मात्रा कम हो जाती है. बैक्टीरिया, जिसे स्टैफ के नाम से भी जाना जाता है, त्वचा संक्रमण का सबसे आम कारण है और इससे फूड पॉइजनिंग, निमोनिया और हड्डियों में संक्रमण हो सकता है.
रिसर्च के मुताबिक, “खुजलाने से स्टैफिलोकोकस ऑरियस से बचाव में मदद मिलती है, यह पता चलता है कि यह कुछ मामलों में फायदेमंद हो सकता है. लेकिन जब खुजली पुरानी हो, तो नुकसान ज्यादा हो जाता है.”
–आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.