हिंदुओं द्वारा पूजी जाने वाली विभिन्न भगवानों की मूर्ति तैयार कर रहे सहारनपुर के यह मुस्लिम दे रहे भाईचारे का पैगाम

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हिंदुओं द्वारा पूजी जाने वाली विभिन्न भगवानों की मूर्ति तैयार कर रहे सहारनपुर के यह मुस्लिम दे रहे भाईचारे का पैगाम

Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 22, 2025, 23:51 ISTसहारनपुर के अब्दुल कलाम पिछले 60 साल से भगवानों की मूर्तियां बनाकर भाईचारे का पैगाम दे रहे हैं. 2018 में उन्हें भगवान कृष्ण की मूर्ति बनाने पर सम्मान मिला था.X

मुस्लिम तैयार करते हैं अपने हाथों की कारीगिरी से हिंदुओं की आस्था के भगवानहाइलाइट्सअब्दुल कलाम 60 साल से भगवानों की मूर्तियां बना रहे हैं.2018 में भगवान कृष्ण की मूर्ति बनाने पर सम्मान मिला.लकड़ी पर नक्काशी कर भाईचारे का पैगाम दे रहे हैं.अंकुर सैनी/सहारनपुर

हिंदुओं द्वारा पूजी जाने वाली विभिन्न भगवानों की मूर्ति तैयार कर रहे सहारनपुर के यह मुस्लिम दे रहे भाईचारे का पैगाम

सहारनपुर का वुड कार्विंग देश नहीं विदेशों तक अपनी छाप छोड़ता है. यहां से विभिन्न प्रकार की लकड़ी से तैयार होने वाले विभिन्न सामान विदेश में घरों की शोभा को बढ़ाते हैं. वही सहारनपुर के कुछ कारीगर हिन्दुओ के मंदिर में पूजा पाठ के लिए विराजमान भगवानों की मूर्तियों को अपने हाथों से तैयार कर भाईचारे का पैगाम दे रहे हैं. आपको बता दे की सहारनपुर नक्कासी के काम को लेकर भारत देश ही नहीं दुनिया भर में एक अलग पहचान रखता है. यहां पर हाथों से बासवुड, सागौन, ओक, बटरनट, पाइन, और लाइम लकड़ी पर नक्कासी की जाती है नक्कासी कर लकड़ी को विभिन्न प्रकार के आकार में ढाल दिया जाता है. सहारनपुर के लकड़ी बाजार के घर-घर में बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग लकड़ी पर खूबसूरत नक्कासी कर डिजाइन बनाने का काम करते हैं. सहारनपुर के रहने वाले अब्दुल कलाम पिछले 60 साल से भगवानों की मूर्ति तैयार कर रहे हैं. 2018 में अब्दुल कलाम को भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाने पर सम्मान भी मिल चुका है. अब्दुल कलाम बताते हैं कि वह गणेश, राधा कृष्ण, भगवान शिव, भगवान राम सहित विभिन्न मूर्तियां बना चुके हैं उनके हाथों से बनने वाली मूर्तियां हिंदू भाइयों के मंदिरों में विराजमान होती है जिसके बाद उनकी पूजा पाठ की जाती है. हिंदुओं की आस्था से जुड़ी भगवानों की मूर्ति तैयार करना उनको काफी अच्छा लगता है और उनका पूरा परिवार लगभग सैकड़ो साल से भगवानों की मूर्ति बनाता चला आ रहा है. भगवानों की मूर्तियों को स्पेशल ऑर्डर पर तैयार किया जाता है एक मूर्ति बनाने में महीनों लग जाते हैं.

अब्दुल कलाम का पूरा परिवार बनाता है हिंदू धर्म से जुड़े भगवानों की मूर्तियां

लकड़ी पर नकाशी करने वाले 75 वर्षीय अब्दुल कलाम ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वह पिछले 60 साल से लकड़ी पर नकाशी करने का काम कर रहे हैं इससे पहले उनके बड़े बुजुर्ग भी लकड़ी पर नकाशी करने का काम ही किया करते थे और अब उनके बच्चे भी लकड़ी पढ़ना काफी करते हैं वह शुरू से ही हिंदुओं की आस्था से जुड़े भगवानों की मूर्तियां बनाने का काम करते आ रहे हैं. एक मूर्ति को बनाने के लिए 15 दिन से लेकर 2 महीने का समय लगता है. मूर्ति केवल ऑर्डर पर ही तैयार की जाती है. वही कारोबार की बात करें तो अब्दुल कलाम बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से काम काफी मंदा चल रहा है ऑर्डर काफी कम आते हैं. सनातन धर्म से जुड़े भगवानों की मूर्ति बनाना अब्दुल कलाम को बड़ा अच्छा लगता है. 2018 में अब्दुल कलाम को भगवान कृष्ण की मूर्ति बनाने को लेकर विशिष्ट हस्तशिल्प प्रादेशिक पुरस्कार भी मिल चुका है.
Location :Saharanpur,Uttar PradeshFirst Published :February 22, 2025, 23:51 ISThomedharmहिंदुओं द्वारा पूजी जाने वाली विभिन्न भगवानों की मूर्ति तैयार कर रहे सहारनपुर के यह मुस्लिम दे रहे भाईचारे का पैगाम

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