खुद की जान लेना… इस प्वाइंट पर कोई व्यक्ति तभी पहुंचता है जब उसे अपनी परेशानी का कोई हल नजर नहीं आता है, या दिमाग सिर्फ सुसाइड को ही समाधान समझने लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं ह्यूमन ब्रेन जिसे धरती का सबसे शक्तिशाली हथियार और कंप्यूटर से भी तेज माना जाता है, वह अचानक से खुद को खत्म करने के बारे में कैसे सोचने लगता है?
हाल ही में एक रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि विटामिन डी की कमी डिप्रेशन और सुसाइड से जुड़ी हो सकती है. यह शोध मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ ह्यूमन मेडिसिन और स्वीडन के लुंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया था. जिसमें विटामिन डी की कमी, शरीर में सूजन, और सुसाइड करने की कोशिशों के बीच एक संबंध को पहचान की गयी. इसके मुताबिक, जो लोग आत्महत्या का प्रयास करते हैं, उनमें विटामिन डी सामान्य से बहुत कम होता है.
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विटामिन डी की कमी का असर
एमएसयू की एसोसिएट प्रोफेसर, लेना ब्रुंडिन ने बताया कि इस स्टडी में 59 स्वीडिश लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने हाल ही में सुसाइड की कोशिश की थी. उनके हेल्थ के आंकड़े तीन ग्रुप्स के बीच तुलना किए गए: एक ग्रुप उन लोगों का था, जो मेंटली हेल्दी थे और जो डिप्रेशन का सामना कर रहे थे. दूसरा ग्रुप अवसाद से पीड़ित था लेकिन आत्महत्या का प्रयास नहीं किया था, और तीसरा समूह सुसाइड करने वाले लोगों का था. निष्कर्ष में यह पता चला कि 60 प्रतिशत सुसाइड का प्रयास करने वाले व्यक्तियों के विटामिन डी स्तर बहुत कम था.
सूजन और विटामिन डी
स्टडी में यह भी पाया गया कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी थी, उनके खून में सूजन के लक्षण अधिक थे. ब्रुंडिन ने बताया कि सूजन का यह बढ़ा हुआ लेवल मेंटल डिसऑर्डर का कारण बन सकता है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विटामिन डी की कमी को कम करने के लिए विटामिन डी सप्लीमेंट्स का उपयोग किया जा सकता है, जिससे डिप्रेशन और आत्महत्या के विचारों को कंट्रोल किया जा सकता है.
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एक्सपर्ट की सलाह
ब्रुंडिन ने यह भी कहा कि मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट को अपने मरीजों के विटामिन डी के लेवल की जांच करने पर विचार करना चाहिए. यह न केवल मेंटल डिसऑर्डर का इलाज करने में मदद कर सकता है, बल्कि उनकी मेंटल स्टेट में सुधार भी ला सकता है.
Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्यथित हों तो जीवन से हार मारने की कोई जरूरत नहीं. अच्छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्त हेल्पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें.