Brain Swelling in Long Covid and Chronic Fatigue: 11 फरवरी 2025 को छपी एक स्टडी के मुताबिक, लॉन्ग कोविड और क्रोनिक फटीग से पीड़ित मरीज में ब्रेन के एक ऐसे हिस्से में सूजन होती है जो मेमोरी और कंसंट्रेशन से जुड़ा होता है. ऑस्ट्रेलिया (Australia) के ग्रिफ़िथ यूनिवर्सिटी (Griffith University) के रिसर्चर्स ने ये एनालाइज करने के लिए एक अल्ट्रा-हाई-फ़ील्ड मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) मशीन का इस्तेमाल किया कि लॉन्ग कोविड और मायल्जिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस (Myalgic Encephalomyelitis)- जिसे क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (CFS) के रूप में भी जाना जाता है – ब्रेन स्ट्रक्चर को समान रूप से कैसे प्रभावित करते हैं.
कैसे की गई रिसर्च?रिसर्च में 17 लॉन्ग कोविड मरीज, 29 सीएफएस मी और 15 ऐसे लोग शामिल थे जिनकी दोनों में से कोई स्थिति नहीं थी. टीम ने हेल्दी लोगों की तुलना में लॉन्ग कोविड और सीएफएस रोगियों में काफी अधिक हिप्पोकैम्पस वॉल्यूम (Hippocampus volume) की पहचान की. हिप्पोकैम्पस ब्रेन का एक छोटा लेकिन अहम हिस्सा है जो सीखने और शॉर्ट टर्म मेमोरी को लॉन्ग टर्म मेमोरी में बदलने के साथ-साथ वर्बल और स्पेटियल मेमोरी में मदद करता है.
साइंटिफिक जर्नल PLOS ONE में छपी रिसर्च में पाया गया कि लॉन्ग कोविड और सीएफएस मरीजों में हिप्पोकैम्पस वॉल्यूम एक जैसा था और हिप्पोकैम्पल स्वेलिंग दोनों ग्रुप्स में लक्षणों की गंभीरता से जुड़ी थी.
क्या कहते हैं रिसर्चर?नई स्टडी के लीड ऑथर किरण थापलिया (Kiran Thapaliya) ने कहा कि फाइंडिंग्स बताते हैं कि लॉन्ग कोविड और सीएफएस मरीजों में हिप्पोकैम्पल इंपेयरमेंट “मेमोरी प्रॉब्लम्स, एकाग्रता में दिक्कतें और सवालां या बातचीत के प्रति लेट रिस्पॉन्स जैसी कॉग्निटिव परेशानियों में अहम भूमिका निभा सकती है.”
उन्होंने कहा कि बड़ा वॉल्यूम न्यूरोजेनेसिस – वो प्रॉसेस जिसके द्वारा ब्रेन में नए सेल्स बनते हैं – या ब्रेन में वायरस के कारण हो सकता है. इसके अलावा, अध्ययन में यह भी पाया गया कि हिप्पोकैम्पस का आकार दोनों रोगी समूहों में लक्षणों की गंभीरता से जुड़ा था.
थापलिया ने कहा कि हाई हिप्पोकैम्पस वॉल्यूम वाले लोगों में “एकाग्रता में कमी, अनिद्रापूर्ण नींद, दर्द और थकान” थी. रिसर्चर्स ने नोट किया कि सीएफएस और लॉन्ग कोविड के बीच ओवरलैप दोनों स्थितियों के लिए संभावित उपचारों की खोज का रास्ता साफ कर सकता है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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