Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 10, 2025, 23:46 ISTChitrakoot News : प्रयागराज को सभी तीर्थों का राजा कहा जाता है, लेकिन धार्मिक ग्रंथों में चित्रकूट को उससे भी उच्च स्थान प्राप्त है. इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता ने उन्हें मोहित कर रखा है.X
फोटोहाइलाइट्सचित्रकूट को तीर्थों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है.राम ने चित्रकूट में साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए.चित्रकूट का धार्मिक महत्त्व अद्वितीय है.चित्रकूट. धर्मनगरी चित्रकूट भगवान श्रीराम की तपोस्थली के रूप में अपनी विशेष पहचान रखती है. रामायण काल की पवित्र भूमि चित्रकूट को तीर्थों में सर्वोच्च स्थान है. मान्यता है कि वनवास के दौरान श्रीराम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ साढ़े ग्यारह वर्ष यहीं व्यतीत किए थे. इस कारण इसे सभी तीर्थों का तीर्थ कहा गया है.
चित्रकूट का महत्त्वप्रयागराज को सभी तीर्थों का राजा कहा जाता है, लेकिन धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार चित्रकूट को उससे भी उच्च स्थान प्राप्त है. मान्यता है कि माघ मेले के दौरान प्रयागराज में सभी तीर्थ एकत्रित होते हैं, लेकिन चित्रकूट वहां नहीं पहुंचता. इस पर प्रयागराज ने भगवान श्रीराम से शिकायत की थी कि चित्रकूट क्यों नहीं आता, जिस पर श्री राम ने कहा था कि वो मेरा निवास है. मैंने अपने निवास का आप को राजा नहीं बनाया है.
श्रीराम का जवाबरामघाट चरखारी मंदिर के पुजारी चंदन दीक्षित लोकल 18 से कहते हैं कि इस प्रसंग में भगवान श्रीराम ने कहा चित्रकूट मुझे अयोध्या से भी प्रिय है. तुलसीदास जी ने भी इस तथ्य को रामचरितमानस में रखा है कि चित्रकूट सब दिन बसत, प्रभु सिय लखन समेत. मान्यता के अनुसार, जब प्रभु श्रीराम ने अपने पिता दशरथ का श्राद्ध किया था, तब सभी देवी-देवता चित्रकूट में शुद्धि भोज के लिए आए थे. इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता ने उन्हें मोहित कर दिया था.
पुजारी ने दी जानकारी
पुजारी चंदन दीक्षित कहते हैं कि तुलसीदास ने अयोध्या में 12 वर्ष तपस्या की लेकिन उन्हें भगवान श्रीराम के दर्शन नहीं हुए, बाद में चित्रकूट आने पर उन्हें प्रभु के साक्षात दर्शन प्राप्त हुए. ये घटना चित्रकूट की धार्मिक महिमा को और भी बढ़ा देती है. चित्रकूट शब्द का अर्थ है सुंदर चित्रों से भरा हुआ स्थान. यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्त्व श्रद्धालुओं को सदैव आकर्षित करता है. मान्यता है कि ये स्थान लोगों के पापों का नाश भी करता है.
Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :February 10, 2025, 23:46 ISThomefamily-and-welfareआखिर चित्रकूट में धोते हैं सबके पाप, जानें मान्यता