कैंसर आज दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. इन सभी कैंसरों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) कैंसर सबसे सामान्य हैं. जीआई कैंसर में कई प्रकार के कैंसर आते हैं. इसमें अन्न नलिका (ओसोफैगस), पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत (कोलन और रेक्टम), पित्ताशय, अग्नाशय और लिवर कैंसर शामिल है. इन कैंसर का खतरा पुरुषों में महिलाओं से ज्यादा होता है.
डॉ. निखिल अग्रवाल, वरिष्ठ निदेशक – सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत बताते हैं कि आंकड़ों के अनुसार, जीआई कैंसर न केवल सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर हैं, बल्कि ये सबसे ज्यादा कैंसर से होने वाली मौतों का कारण भी हैं. ये सभी कैंसर कुल कैंसर मामलों के एक चौथाई और कैंसर से होने वाली मौतों के एक तिहाई के जिम्मेदार हैं. भारत में इनका प्रकोप बढ़ रहा है, जो जनसंख्या वृद्धि, आयु वृद्धि और पश्चिमी जीवनशैली के कारण हो रहा है.
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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के प्रमुख लक्षण
हालांकि, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के लक्षण बहुत अलग होते हैं, लेकिन कई बार ये लक्षण तब दिखाई देते हैं जब बीमारी बहुत बढ़ चुकी होती है. GI कैंसर के प्रमुख लक्षणों में पेट में दर्द, सूजन, बार-बार उल्टी, वजन कम होना, भूख में कमी, मल में खून, दस्त, कब्ज, हल्का-फुल्का असुविधा, और अक्सर पेट में भरा हुआ महसूस होना शामिल है.
पहले स्टेज पर दिखने वाले संकेत
पीलिया, हलके रंग के मल, खुजली, हाल ही में डायबिटीज की शुरुआत, पेट में गांठ, आवाज में बदलाव, और एनीमिया जैसे लक्षण तब दिखाई देते हैं जब कैंसर अपने पहले स्टेज पर होता है.
जीआई कैंसर का कारण
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) कैंसर मुख्य रूप से डाइट, लाइफस्टाइल और जेनेटिक कारकों के कारण होता है. ऐसे में इससे बचाव के लिए जीवनशैली में अनहेल्दी आदतों में बदलाव बहुत जरूरी है.
एक्सपर्ट की सलाह
इन लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है, क्योंकि समय रहते इलाज शुरू होने से जीवन को बचाया जा सकता है. डॉक्टर कहते हैं कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का इलाज शुरुआत में आसान और अधिक प्रभावी होता है, इसलिए प्रारंभिक चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज न करें.
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