राजा दशरथ ने सुनी थी इस पुराण की कथा, सुनने मात्र से पूरी होती है पुत्र प्राप्ति की मनोकामना

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Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 05, 2025, 17:45 ISTअयोध्या के राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी. अपनी बढ़ती हुई अवस्था को देखकर राजा दशरथ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ और हरिवंश पुराण कथा के पाठ का निश्चय किया. X

अयोध्या के राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थीहाइलाइट्सराजा दशरथ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ और हरिवंश पुराण कथा का आयोजन किया.हरिवंश पुराण में पुत्र प्राप्ति के उपाय बताए गए हैं.ऋषि श्रृंग ने राजा दशरथ के लिए हरिवंश पुराण कथा कही.मथुरा: सनातन संस्कृति में पुराण को उच्च दर्जा दिया गया है. इन पुराणों में भारत की संस्कृति और मृत्यु और जीवन से जुड़े हुए आज भी कई लेख आपको सुनने और पढ़ने को मिल जाएंगे. ऐसे ही कुछ पुराण हैं जिनमें व्यक्ति को पुत्र प्राप्ति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं. अगर व्यक्ति उन उपायों को नियमित रूप से अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे निश्चित ही पुत्र प्राप्ति हो जाती है.

राजा दशरथ ने सुनी थी कथा 

प्राचीन समय से ही भारत में वेद, पुराण, उपनिषदों को बोलबाला रहा है. भारत देश हमेशा से ही ऋषि मुनियों का भी देश रहा है. यही वजह है कि प्राचीन पद्धति के अनुसार लोग अपनी समस्याओं का उपाय इन वेद, पुराणों में खोजा करते हैं. इस वजह से लोग एक लंबा जीवन जिया करते थे. अगर प्राचीन समय में किसी भी व्यक्ति को संतान नहीं थी, तो वह भी इन्हीं वेदों के पुराणों और उपनिषदों में मिलने वाले उन उपायों को अपने जीवन में नियमित रूप से इस्तेमाल करते थे, जिनसे उन्हें संतान की प्राप्ति होती थी.

पुराण में हैं 16,000 श्लोक

हरिवंश पुराण को संस्कृत में लिखा गया है. इस पुराण में करीब 16,000 श्लोक हैं. हरिवंश पुराण को तीन भागों में बांटा गया है: हरिवंश पर्व, विष्णु पर्व, और भविष्य पर्व. हरिवंश पुराण में हिन्दू संस्कृति की मान्यताओं, प्रथाओं, और परंपराओं के बारे में जानकारी दी गई है. कई हिन्दू इसे एक पवित्र ग्रंथ मानते हैं. भागवत कथा मोक्ष को देने वाली है. वहीं हरिवंश पुराण की कथा वंश की वृद्धि करने वाली कथा है. उन्होंने कहा कि जरूरतमंद की सहायता करने से भगवान खुश होते हैं. इसलिए, जरूरतमंद की सहायता करनी चाहिए. इस अवसर पर भक्त ध्रुव राजा हरिश्चंद्र की कथा का भी वर्णन किया.

पंडित जी ने बताया पुत्र प्राप्ति का मार्ग 

पंडित मथुरा नाथ शास्त्री ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए हरिवंश पुराण की बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हरिवंश पुराण कोई साधारण पुराण नहीं है और इस पुराण में लिखी हुई प्रत्येक बातें अटल सत्य है. मथुरा नाथ शास्त्री ने लोकल 18 से आगे बातचीत के दौरान बताया कि हरवंश पुराण में पुत्र प्राप्ति के लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं. उन नियमों को अगर मनुष्य अपने अंदर या अपने जीवन में नियमित रूप से प्रयोग करता है या उन्हें अपने जीवन में उतार लेता है, तो निश्चित ही पुत्र की प्राप्ति होती है.

सभी कष्ट होते हैं दूर

हरिवंश पुराण सुनने से सभी कष्ट दूर होते हैं और हरिवंश पुराण में उन नियमों के बारे में भी लिखा हुआ है, जो पुत्र प्राप्ति का रास्ता दिखाते हैं. मथुरा नाथ शास्त्री ने यह भी बताया कि व्रत रखना हरिवंश पुराण को सुनना और शिव की आराधना करना यह भी एक हरिवंश पुराण के ही लेख में आपको मिल जाएगा.

ऋषि श्रृंग ने कही थी राजा दशरथ के लिए कथा

शास्त्री मथुरानाथ ने कहा कि अयोध्या के राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी. अपनी बढ़ती हुई अवस्था को देखकर राजा दशरथ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ और हरिवंश पुराण कथा के पाठ का निश्चय किया. ऋषि श्रृंग ने राजा दशरथ के लिए यह कथा कही. इसके परिणामस्वरुप राजा दशरथ को राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसे चार पुत्र उत्पन्न हुए.
Location :Mathura,Mathura,Uttar PradeshFirst Published :February 05, 2025, 17:11 ISThomeuttar-pradeshइस पुराण की कथा, सुनने मात्र से पूरी होती है पुत्र प्राप्ति की इच्छाDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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