Late Night Sleeping Causes Health Problems: आज की तारीख में लोगों की लाइफस्टाइल कुछ ऐसी हो चुकी है कि लोग रात को देर से सोते हैं. ऐसा आमतौर पर नौकरी करने वाले युवाओं के बीच देखने को मिल रहा है. कई लोग देर रात तक काम करने की वजह से भी देर से सोते हैं. कई बार लोग इसे एक सामान्य मान लेते हैं. लेकिन, लंबे समय तक रात में देर से सोने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. सीके बिरला अस्पताल के डॉ. तुषार तायल से खास बातचीत में यह जानकारी मिली कि आखिर रात में देर से सोने से किसी व्यक्ति को किस तरह की मेंटल और फिजिकल परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है? डॉ. बताते हैं कि रात को देर से सोने से किसी भी व्यक्ति को बहुत तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
रात में देर से सोने से होती हैं स्वास्थ्य समस्याएं
उनके मुताबिक रात में देर से सोने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्याएं बढ़ जाती हैं. इसके अलावा, इम्युनिटी की समस्या भी बढ़ जाती है. इससे आपको कई तरह के इन्फेक्शन भी हो सकते हैं. इसके साथ ही रात में देर से सोने में हार्मोन भी असंतुलित हो जाता है और डायबिटीज और पाचन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. वे बताते हैं कि अगर मेंटल हेल्थ की बात करें, तो इससे आपकी मेमोरी पावर और कंसंट्रेशन कम हो सकती है. डॉ. तायल बताते हैं कि रात में देर से सोने से डिप्रेशन और एंग्जायटी की भी समस्या देखने को मिलती है. इसके अलावा, चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी ज्यादा आने लगता है. वहीं, आंखों के नीचे डार्क सर्कल और झुर्रियां भी देखने को मिलती हैं.
एक दिन में व्यक्ति को कितनी नींद लेनी चाहिए
एक दिन में एक व्यक्ति को कितनी नींद लेने के सवाल पर डॉ. तायल ने कहा कि यह उस व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करता है. डॉ. तायल ने कहा कि अगर न्यू बोर्न बेबी की बात करें, तो उसे 14 से 16 घंटे तक की नींद लेनी चाहिए. वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों को 9 से 13 घंटे नींद लेनी चाहिए. जब आप किशोरावस्था में प्रवेश करते हैं, तो आपको 9 से 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए. उधर, युवाओं को दिन मे 7 से लेकर 9 घंटे तक नींद लेनी चाहिए. इसी प्रकार बुजुर्गों को भी 7 से 9 घंटे नींद लेनी चाहिए.
आइडल स्लिपिंग समय
उनके मुताबिक किसी भी व्यक्ति को रात से 10 बजे तक सो जाना चाहिए, क्योंकि हमारी स्लीप साइकिल सूर्य उदय और सूर्य अस्त पर निर्भर करता है. जैसे ही सूर्य अस्त होता है, तो हमारी बॉडी में मेलिटेनियम हार्मोन रिलीज होना शुरू हो जाता है, जो नींद लाने में हमारी मदद करता है और सुबह होते ही इसका प्रभाव खत्म हो जाता है. सबसे ज्यादा मेलिटोनियम हमारी बॉडी में रात चार बजे रिलीज होता है. यह हमारा आइडल स्लीपिंग समय होता है, क्योंकि इस समय अच्छी नींद आती है. डॉ. बताते हैं कि उम्र का सोने से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि जब उम्र बढ़ती है, तो नींद आने में समस्या होती है.
—आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.