GBS Death in Maharashtra: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कहर बढ़ता ही जा रहा है, 31 जनवरी को राज्य में इस इम्यूनोलॉजिकल नर्व डिसऑर्जर से 2 और मौतों की खबर आ गई, इससे यहां कुल मौतों की संख्या चार4 हो गई. नए डेथ पिंपरी-चिंचवाड़ और पुणे में से प्रत्येक में एक-एक रिपोर्ट की गईं. डिटेल्स के मुताबिक, इलाके में 36 साल के मरीज की इस सिंड्रोम से मृत्यु हो गई.
कितने लोगों में फैली बीमारी?अब तक पुणे में जीबीएस वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जहां 130 लोगों को इसी बीमारी का पता चला है. 24 जनवरी को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण में अचानक वृद्धि की जांच के लिए एक रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) का गठन किया, शुरू में 24 संदिग्ध मामले पाए जाने के बाद. इस बीच, आरआरटी और पीएमसी के स्वास्थ्य विभागों ने सिंहगढ़ रोड एरिया के प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी जारी रखी.
कहां किया गया सर्वे?न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि कुल 7,215 घरों का सर्वे किया गया, जिनमें पुणे नगर निगम (Pune Municipal Corporation) की सीमा में 1,943 घर, चिंचवाड़ नगर निगम (Chinchwad Municipal Corporation) की सीमा में 1,750 घर और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 3,522 घर शामिल हैं.
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम क्या है?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक रेयर कंडीशन है जो अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी का कारण बनती है, लक्षणों में अंगों में गंभीर कमजोरी, दस्त आदि शामिल हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन आमतौर पर जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वो मरीजों की इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं. जबकि जीबीएस बच्चों और यंग एज ग्रुप दोनों में फैलता है, ये महामारी या पैंडैमिक का कारण नहीं बनेगा, उन्होंने कहा, पीटीआई ने बताया कि ज्यादातर लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो जाएंगे.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.