Last Updated:January 30, 2025, 00:03 ISTMaha Kumbh Death Toll: महाकुंभ में मची भगदड़ की खबर आते ही सबके मन में सवाल था कि आखिर प्रशासन की इतनी मुस्तैदी के बावजूद वहां भगदड़ कैसे मच गई और इस भगदड़ कितने लोगों की मौत हो गई. अब डीआईजी वैभव कृष्ण ने इस ह…और पढ़ेंमहाकुंभ भगदड़ में हताहत हुए लोगों का पूरा आंकड़ा प्रशासन ने बताया दिया है. (Reuters)प्रयागराज. महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन तड़के मची भगदड़ ने सभी लोगों को सन्न कर दिया है. महाकुंभ में इस विशेष दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने देशभर के करोड़ों लोग संगम पर जुटे थे. ऐसे में इस भगदड़ की खबर आते ही बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जाने लगी. सबके मन में सवाल था कि आखिर प्रशासन की इतनी मुस्तैदी के बावजूद वहां भगदड़ कैसे मच गई और इस भगदड़ कितने लोगों की मौत हो गई.
यह कुछ ऐसे सवाल थे, जिस पर तमाम लोग अपनी-अपनी थ्योरी चला रहे थे. हालांकि अब प्रशासन की तरफ से इस हादसे के पीछे के कारणों और इसमें हताहत होने हुए लोगों का पूरा आंकड़ा साफ कर दिया गया है. डीआईजी वैभव कृष्ण ने बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस दुर्घटना में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण हादसाउन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या को गंगा स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर उमड़े थे. इसी दौरान भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. उन्होंने बताया कि घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. घटना के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारीडीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि कुछ घायलों को उनके परिवार वाले लेकर चले गए हैं, जबकि, 36 लोगों का इलाज मेडिकल अस्पताल में चल रहा है. फिलहाल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है. इसके माध्यम से घायल व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी महामंडलेश्वरों, संतों, अखाड़ों से कुछ देरी से पवित्र स्नान करने का अनुरोध किया था. इसके बाद अखाड़ों का अमृत स्नान सुरक्षित तरीके से संपन्न करा दिया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि अखाड़ा क्षेत्र और अन्य स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं. घाटों और अखाड़ों पर भी बैरिकेड्स मौजूद हैं. इनमें से कुछ बैरिकेड्स क्रमबद्ध व्यवस्था में हैं. मौनी अमावस्या के स्नान पर रात 1 से 2 बजे तक भक्तों की पहली भीड़ उमड़ी. भीड़ के भारी दबाव के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे भगदड़ मच गई. जो भक्त जमीन पर लेटे हुए या बैठे थे, भीड़ में अन्य लोग गलती से उन पर चढ़ गए, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई. फिलहाल स्थिति सामान्य है.
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान आज की घटना के बाद प्रशासन ने कड़े फैसले लिए हैं. अब 4 फरवरी तक पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल ज़ोन घोषित कर दिया गया है.
VVIP गाड़ियों पर भी रोक
VVIP पास 4 फरवरी तक कैंसिल कर दिए गए हैं.
VVIP स्नान और एस्कॉर्ट गाड़ियों के काफिले पर रोक लगा दी गई है.
अब केवल बाइक, एंबुलेंस, नगर निगम और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां ही मेला क्षेत्र में जा सकेंगी.
5 बड़े बदलाव लागू
सभी रास्ते वन-वे कर दिए गए हैं, जिससे एक ही रास्ते से श्रद्धालु अंदर जाएंगे और स्नान के बाद दूसरे रास्ते से बाहर निकलेंगे.
प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले चार पहिया वाहनों की शहर में एंट्री पर रोक लगा दी गई है.
पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जिससे पैदल श्रद्धालुओं को आसानी हो.
सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अव्यवस्था न हो.
भीड़ प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए बैरिकेडिंग और मार्ग परिवर्तन किए गए हैं.
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के सुचारू संचालन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष बैठक में कई अहम दिशा-निर्देश दिए हैं.
1. श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएरेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए एडीजी और जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया कि हर श्रद्धालु को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी है. रेलवे से समन्वय कर ट्रेनों का लगातार संचालन सुनिश्चित किया जाए. अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को परेशानी न हो.
2. सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया को सक्रिय किया जाएमेला क्षेत्र में भीड़ का दबाव कम करने के लिए होल्डिंग एरिया में रोके गए लोगों को समयानुसार आगे बढ़ने दिया जाए. भोजन, पेयजल और बिजली की समुचित व्यवस्था हर होल्डिंग एरिया में सुनिश्चित की जाए.
3. प्रयागराज से लगे सभी जनपदों में सतर्कता बरती जाएमहत्वपूर्ण मार्गों पर यातायात बाधित न हो – अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज, वाराणसी-प्रयागराज मार्गों पर यातायात लगातार सुचारू रखा जाए. पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि किसी भी प्रकार की रुकावट न हो.
4. मेला क्षेत्र में सुचारू आवागमन बनाए रखा जाएकोई भी अनावश्यक अवरोध उत्पन्न न हो – स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए ताकि जाम की स्थिति न बने. भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए बैरिकेडिंग और मॉनिटरिंग बढ़ाई जाए.
5. 3 फरवरी को बसंत पंचमी के ‘अमृत स्नान’ की विशेष तैयारियां की जाएंमुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश – महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करें. सुरक्षा और सुविधा से जुड़े हर बिंदु पर विशेष ध्यान दिया जाए.
6. कुंभ प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की तैनातीकुंभ 2019 के दौरान प्रयागराज में मंडलायुक्त रहे आशीष गोयल और एडीए के पूर्व वीसी भानु गोस्वामी को विशेष रूप से तैनात किया गया है.इसके अलावा, विशेष सचिव स्तर के 5 अधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी भी 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे.
7. वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और मीरजापुर में भी सतर्कता बरती जाएश्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए विशेष प्रबंधन – तीनों प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और ट्रैफिक नियंत्रण की विशेष व्यवस्था हो. होल्डिंग एरिया बनाए जाएं, बैरिकेडिंग का उपयोग किया जाए और पार्किंग की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
आपको बता दें कि महाकुंभ में बुधवार सुबह उस समय भगदड़ मच गई, जब श्रद्धालु और संत पवित्र स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे थे. टेंट सिटी में श्रद्धालुओं की अचानक उमड़ी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई. कथित तौर पर उनमें से कुछ ने ‘संगम’ तक पहुंचने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे वहां भगदड़ मच गई. प्रशासन ने अपील की है कि श्रद्धालु इन नए नियमों का पालन करें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें.
Location :Allahabad,Uttar PradeshFirst Published :January 29, 2025, 23:14 ISThomeuttar-pradeshमहाकुंभ में कैसे मची भगदड़, जिसमें 30 की हुई मौत, जानें अब तक क्या-क्या हुआ