‘तेरा यार हूं मैं…’ विराट-विराट के नारों के बीच कोहली बने ‘चीकू’, ‘दिल्ली गैंग’ के साथ की मस्ती

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'तेरा यार हूं मैं...' विराट-विराट के नारों के बीच कोहली बने 'चीकू', 'दिल्ली गैंग' के साथ की मस्ती



Delhi vs Railways: फिरोज शाह कोटला मैदान के गेट से एक लग्जरी जेट ब्लैक रेंज रोवर कार सुबह 9 बजे गुजरती है. यह कोई और नहीं बल्कि विराट कोहली थे जो 12 साल बाद अपनी पुरानी टीम के साथ प्रैक्टिस करने पहुंचे. मैदान में आते ही कोहली को विराट से ‘चीकू’ बनने में देर नहीं लगी. भले ही तेज गेंदबाज नवदीप सैनी को छोड़कर, दिल्ली की टीम के 18 प्लेयर्स उन्हें टीवी पर देखकर बड़े हुए थे, लेकिन विराट ‘चीकू’ के अंदाज में ही मौज-मस्ती करते नजर आए.
छोले-पूरी नहीं खाउंगा- विराट कोहली
विराट कोहली अपने पुराने साथियों के साथ बिजी रहे. हालांकि वह अपने पूर्व अंडर-19 कोच महेश भाटी के साथ अधिक सहज दिखे जो इस टीम के प्रशासनिक प्रबंधक भी हैं. दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वह बदला नहीं है. उसको छोले-पूरी पसंद थे और हमने मंगाकर रखे थे. उसने बोला छोले-पूरी नहीं खाऊंगा.’
विराट ने खाए कढ़ी-चावल
कोहली ने 12 वर्षों में अपने पहले रणजी मुकाबले से पूर्व अपने पहले अभ्यास सत्र के बाद जो खाया वह उनका पुराना पसंदीदा व्यंजन है. अधिकारी ने खुलासा किया, ‘अभ्यास के बाद पुराने समय की तरह सभी के साथ कढ़ी-चावल खाया.’ रणजी ट्रॉफी मुकाबलों को कवर करने के लिए घरेलू क्रिकेट को चाहने वाले लोग ही पहुंचते हैं लेकिन सोमवार को ऐसे लोगों की संख्या तीन गुनी थी. 
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किसने रखा विराट का निकनेम ‘चीकू’?
दिल्ली क्रिकेट में ‘मामा’ के नाम से मशहूर डीडीसीए सचिव अशोक शर्मा ने कहा, ‘मुझे याद है कि दिल्ली रणजी टीम के तत्कालीन मैनेजर अजीत चौधरी ने 2006-07 में उनका उपनाम ‘चीकू’ रखा था.’ सनत सांगवान, अर्पित राणा और सिद्धांत शर्मा के लिए यह यादगार अवसर था लेकिन कोहली के लिए यह हमेशा की तरह ही था. ऐसा लग रहा था कि उन्होंने ‘स्टार’ को मैदान के बाहर ही छोड़ दिया था और उनके अपने ‘विराट भैया’ बन गए हैं. 
रूम मेट से मिले कोहली
चौथी कक्षा का एक छात्र कबीर ‘अंकल विराट’ का स्केच लेकर आया था. कोहली कबीर के पिता शावेज के साथ दिल्ली के लिए अंडर-17 और अंडर-19 क्रिकेट खेल चुके हैं. शावेज ने कहा, ‘हमारा बीडीएम के साथ बल्ला अनुबंध था और हम साथ में बल्ले चुनने जाते थे. हम लंबे समय से दोस्त हैं.’ जब कबीर से कोहली के साथ उनकी बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे पूछा कि मैं भारत के लिए कैसे खेल सकता हूं? उन्होंने कहा, ‘तुम्हें कड़ी मेहनत करनी होगी और तुम्हारे पापा को तुम्हें अभ्यास करने के लिए नहीं कहना चाहिए. तुम्हें पापा से कहना चाहिए, मुझे अभ्यास करने जाना है’
कोहली ने दिल्ली की टीम के साथियों को भी प्रेरित किया. उन्होंने अपने साथियों से कहा, ‘दिल्लीवाले हो, दम दिखाओ. शुरुआत अच्छी की और फिर ठंडे पड़ गए. सकारात्मक खेलो जैसे दिल्लीवाले खेलते हैं.’



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