पीलीभीत में कैसे कम होगा बाघों और इंसानों का संघर्ष? WTI के रिसर्च से होगा साफ

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पीलीभीत में कैसे कम होगा बाघों और इंसानों का संघर्ष? WTI के रिसर्च से होगा साफ

Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:January 28, 2025, 15:34 ISTPilibhit Tiger Reserve News : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पीटीआर में बाघों की संख्या 71 से अधिक है. वहीं जानकारों के अनुसार पीलीभीत में बाघों की संख्या 100 से ज्यादा है. इस लिहाज से पीलीभी…और पढ़ेंगन्ने के खेत में मौजूद बाघ. फाइल फोटो हाइलाइट्सपीलीभीत में बाघों की संख्या 71 से अधिक है.बाघों की गणना का अध्ययन करेगी वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया.जंगल से सटे इलाकों में जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे.पीलीभीत : यूपी के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बीते कुछ सालों में बाघों की संख्या तजी से बढ़ी है. लेकिन इसके साथ ही साथ कई बाघ अलग-अलग कारणों से जंगल सटे इलाकों में देखे जाते हैं. ये बाघ कई बार इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की परिस्थितयों में फंस जाते हैं. वहीं कई बार इन परिस्थितियों में इंसानी जान तक चली जाती है. इन्ही सब स्थितियों की रोकथाम के लिए वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम, पीटीआर की टीम के साथ मिलकर इन बाघों की गणना व अध्ययन करेगी.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा लगातार तेजी के साथ बढ़ रहा है. खास संरक्षण के लिए इस टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर TX2 अवार्ड और CA|TS एक्रीडेशन से भी नवाजा जा चुका है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 71 से अधिक बाघ है और तकरीबन दर्जन भर से भी अधिक बाघ आबादी के आसपास देखे जा रहे हैं. इन बाघों ने टाइगर रिजर्व के अफसरों की चिंता बढ़ा दी है.

वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया करेगी ये कामदरअसल पीलीभीत के जंगलों में सन 2012 तक बाघों की संख्या 14 थी जो कि 2014 में बढ़कर 27 हो गई. सन 2014 में ही पीलीभीत को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था. टाइगर रिजर्व की घोषणा होने के बाद संरक्षण पर जोर दिया गया और बाघों की संख्या 2019 तक 65 से भी अधिक व 2022 में 71 से भी अधिक हो गई. लेकिन जंगल के बाहर घूम रहे तकरीबन दर्जन भर से भी अधिक बाघ वन विभाग के साथ ही साथ वनजीवन के क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ के लिए भी चिंता का विषय बने हुए हैं. ऐसे में अब पीटीआर की टीमों के साथ ही साथ वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम भी इन बाघों की गणना कर इन पर अध्ययन करेगी. वहीं जंगल से सटे इलाकों में एनजीओ की ओर से जागरुकता अभियान भी चलाए जाएंगे.
Location :Pilibhit,Pilibhit,Uttar PradeshFirst Published :January 28, 2025, 15:34 ISThomeuttar-pradeshपीलीभीत में कैसे कम होगा बाघों और इंसानों का संघर्ष? WTI के रिसर्च से होगा साफ

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