Cancer In Young Women: यंग महिलाओं में कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, अब 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में 82% ज्यादा कैंसर होने की आशंका है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (American Cancer Society) की रिपोर्ट के मुताबिक, ये इजाफा 2002 में पुरुषों की तुलना में 51% ज्यादा से बढ़कर 2021 में 82% ज्यादा हो गई है. इन चौंकाने वाले आंकड़ों को बढ़ाने वाला ब्रेस्ट कैंसर है, जो 2012 से 2021 तक सालाना 1% बढ़ा है, 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में सालाना 1.4% की वृद्धि देखी जा रही है. स्टडी कई रिस्क फैक्टर्स की तरफ इशारा करती है, जिसमें शरीर का ज्यादा वजन, देर से बच्चे का जन्म और कम बच्चे होना, इस बढ़ते ट्रेंड के संभावित कंट्रिब्यूटर्स हैं.
महिलाओं में कैंसर के टाइप्स
यूटेराइन कैंसर (Uterine Cancer) से होने वाली मौतों में भी इजाफा हो रहा है, स्टडी में इसे “बढ़ती मृत्यु दर वाले कुछ कैंसरों में से एक” के रूप में उजागर किया गया है. साल 2013 से 2022 तक, मृत्यु दर सालाना 1.5% बढ़ी. इसी तरह, 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) की दरें सालाना 2.4% बढ़ी हैं, मृत्यु दर सालाना 1% बढ़ रही है. 1990 के दशक के मध्य से पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) के डायग्नोसिस में हर साल लगातार 1% का इजाफा है, मृत्यु दर भी बढ़ रही है, हालांकि धीमी गति से.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की एक एपिडेमियोलॉजिस्ट और रिपोर्ट की लीड ऑथर रेबेका एल. सीगल (Rebecca L. Seigel) ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “ये परेशान करने वाले ट्रेंड महिलाओं में अधिक स्पष्ट हैं.”
मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर (Memorial Sloan Kettering Cancer Center) के एक ऑन्कोलॉजिस्ट नील अयंगर (Neil Iyengar) ने कहा, “जबकि पुरुषों में भी कुछ कैंसर बढ़ रहे हैं, प्रवृत्ति असमान है, महिलाओं में इजाफा ज्यादा सिग्निफिकेंट है.” उन्होंने आगे कहा कि कई तरह के कैंसरों में इजाफा, खास तौर से यंग महिलाओं में, ये बताती है कि निडी या पॉपुलेशन जेनेटिक्स से परे बड़े फैक्टर्स हो सकते हैं.
महिलाओं में कैंसर की वजहअनहेल्दी ईटिंग, नींद की कमी, स्मोकिंग या वेपिंग और शराब के सेवन जैसी लाइफस्टाइल की आदतों के साथ-साथ एनवायरनमेंटल फैक्टर्स भी कैंसर के मामलों में इजाफे को बढ़ावा दे सकते हैं. रेबेका एल. सीगल ने जोर दिया, “बहुत से लोग ये नहीं समझते कि उनका अपने कैंसर के खतरे पर कितना असर है. हमारे पास बदलाव लाने की ताकत है. सबसे जरूरी कदम स्मोकिंग न करना है.”
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.