BCCI के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे गौतम गंभीर, प्लेयर्स को दिलवा रहे ये सजा! बोर्ड से की शिकायत

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BCCI के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे गौतम गंभीर, प्लेयर्स को दिलवा रहे ये सजा! बोर्ड से की शिकायत



BCCI: ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद भारतीय क्रिकेट जगत में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अंतरराष्ट्रीय दौरों पर भारतीय खिलाड़ियों की फैमिली को लेकर सख्त नियम निकालने वाला है. जिसमें खिलाड़ियों को किसी भी टूर पर अपनी फैमिली से महज 14 दिन तक रहने का मौका मिलेगा. लेकिन अब खबर है कि यह बीसीसीआई का नहीं बल्कि गंभीर का फैसला है. इस पर चर्चा 11 जनवरी को मुंबई में हुई बीसीसीआई की मीटिंग में हुई है.
क्यों ठनक गया गंभीर का माथा?
हाल ही में एक रिपोर्ट में पता चला था कि गंभीर और गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अनबन देखने को मिली थी. जिसकी वजह था अनुशासन, मोर्केल के देरी से शामिल होने पर गंभीर ने उन्हें फटकार लगा दी थी. प्लेयर्स को लेकर भी यही मामला सामने आया है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक खिलाड़ियों में अनुशासन की कमी के चलते गंभीर ने बीसीसीआई से इस रूल के लिए आग्रह किया. 
गंभीर ने दिया ये सुझाव
इंडिया टुडे को नाम न बताने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि गंभीर भारतीय टीम में अनुशासनहीनता को जड़ से खत्म करना चाहते हैं. सूत्र ने कहा, ‘समीक्षा बैठक के दौरान गौतम गंभीर ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में हार के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम में अनुशासनहीनता के बारे में बात की. अनुशासनहीनता की वजह से बीसीसीआई कोविड-19 से पहले के नियमों पर लौट रहा है. जिसमें दौरे पर दो सप्ताह तक परिवार के साथ रहने की अनुमति दी गई है. गौतम और खिलाड़ी परिवार के साथ रहने के विषय पर एकमत थे.’
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ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुआ डिनर
गंभीर ने जूनियर प्लेयर्स पर भी ऐसी सख्ती बरतने का सुझाव दिया. इंडिया टडे की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान कई सीनियर और जूनियर क्रिकेटर डिनर के लिए बाहर गए. सूत्रों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे में केवल एक ही टीम डिनर हुआ. सूत्रों ने बताया, ‘बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ खिलाड़ी ने बीसीसीआई को सुझाव दिया कि मैच फीस तुरंत वितरित नहीं की जानी चाहिए. इसके बजाय, फीस वितरित करने से पहले खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि कुछ खिलाड़ी घरेलू और राष्ट्रीय टीम की प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं.’



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