FIFA World Cup 2030: साल 2024 का फीफा विश्वकप उजबेकिस्तान में आयोजित किया गया था, इसे लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया था, साल 2030 में इसका आयोजन मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल में किया जाएगा, इससे पहले इससे जुड़ी हुई एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. बता दें कि अफ्रीकी देश इस विश्वकप के आयोजन के लिए शहरों को साफ करने का प्लान बना रहे हैं, ऐसे में 30 लाख कुत्तों की कुर्बानी दी जाएगी. इसे लेकर दुनिया भर के लोगों में काफी ज्यादा गुस्सा है और जगह- जगह पर प्रदर्शन किया जा रहा है.
फीफा विश्वकप 2030 का आयोजनफीफा विश्वकप 2030 का आयोजन मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल में किया जाएगा, इस आयोजन के लिए ये देश शहरों को साफ करने का प्लान बना रहे हैं, इसके लिए 30 लाख कुत्तों को मारने का लक्ष्य रखा गया है. एनिमल वेलफेयर के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इसमें अमानवीय तरीके भी शामिल हैं. रिपोर्ट के दावे के मुताबिक कहा गया है कि इन शहरों में कुत्तों को जहर दिया जाता है, गोली मारी जाती है या दर्दनाक औजारों का प्रयोग करके उन्हें पकड़ा जाता है फिर उन्हें भीड़भाड़ वाले शेल्टर्स में ले जाया जाता है जहां पर उन्हें क्रूरता के साथ मार दिया जाता है.
इस काम का विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि कुत्तों को बिजली का झटका भी दिया जाता है, इसके अलावा घातक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए पानी का भी छिड़काव किया जाता है. मामले को लेकर के अंतर्राष्ट्रीय पशु कल्याण और संरक्षण गठबंधन (IAWPC) ने दावा किया है कि मोरक्को के अधिकारियों को ऐसा करने से रोकने के आश्वासन के बाद पहले से ज्यादा तेज हत्या हो गई है.
फीफा के महासचिव को लिखा पत्र शहरों को साफ करने के लिए कुत्तों की कुर्बानी को लेकर प्रसिद्ध संरक्षणवादी जेन गुडॉल ने विरोध करते हुए फीफा के महासचिव मैटियास ग्राफस्ट्रॉम को एक पत्र लिखा है, उन्होंने कुत्तों की हत्या को “बर्बरता का भयानक कृत्य” बताया और फीफा की चुप्पी की आलोचना भी की है. साथ ही साथ लिखा कि “दुनिया भर के फुटबॉल प्रशंसक, जिनमें से कई पशु प्रेमी हैं, इस क्रूरता के बारे में जानकर स्तब्ध रह जाएंगे” “आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के मानवीय विकल्प हैं और अंतर्राष्ट्रीय संगठन इन कार्यक्रमों को लागू करने में मदद करने के लिए तैयार हैं”
उन्होंने फीफा से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और सुझाव दिया कि अगर हत्याएं जारी रहती हैं तो मोरक्को के मेजबानी अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए, आवारा कुत्तों के खिलाफ चलाया जा रहा ये अभियान कथित तौर पर मोरक्को के कानूनों का भी उल्लंघन करता है, जो सड़क पर रहने वाले जानवरों की हत्या को प्रतिबंधित करता है. जो सड़क पर रहने वाले जानवरों की हत्या को प्रतिबंधित करता है, कार्यकर्ताओं ने ये भी दावा किया है कि अधिकारी इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और स्थानीय पुलिस भी इस पर आंख मूंद कर बैठी है.
रिपोर्ट के अनुसार के जानकारी मिली है कि साल 2022 के एक फैसले में कुत्तों की हत्या की साजिश रचने के लिए एक गवर्नर पर जुर्माना लगाया गया था, लेकिन मोरक्को को विश्व कप की मेजबानी की घोषणा के बाद से ही हत्याएं बढ़ गई है. विवाद ने फीफा को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है, इसका न केवल मोरक्को बल्कि दुनिया भर में विरोध हो रहा है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इस पर अधिकारी कर्मचारी क्या फैसला लेते हैं.