अमेरिका ने आखिरकार खाने में इस्तेमाल होने वाले रेड फूड डाई नंबर 3 पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला किया है. दशकों से इस कलर एडिटिव (colour additive) को लेकर कैंसर और सेहत से जुड़े खतरे की चेतावनियां दी जा रही थीं. यह निर्णय अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने वैज्ञानिक एविडेंस के आधार पर लिया है, जो इसे इंसानों के लिए खतरनाक बताते हैं.
रेड डाई नंबर 3 एक सिंथेटिक फूड कलर है, जिसका उपयोग कैंडी, बेक्ड फूड्स, ड्रिंक्स और अन्य खाने में किया जाता है. इसका उद्देश्य खाने को आकर्षक बनाना है. हालांकि, इसकी खूबसूरती के पीछे छिपे स्वास्थ्य खतरों ने इसे लंबे समय से विवादों में रखा है.
क्यों लगाया गया बैन?विभिन्न शोधों और वैज्ञानिक अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि रेड डाई नंबर 3 में ऐसे केमिकल होते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. चूहों पर किए गए प्रयोगों में यह सामने आया कि यह डाई थायरॉइड कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों को ट्रिगर कर सकती है. इन अध्ययनों के बाद हेल्थ एक्सपर्ट ने इसे खाने से हटाने की मांग की थी.
रेड डाई नंबर 3 से होने वाले खतरेकैंसर का खतरा: रेड डाई में मौजूद केमिकल सेल्स में कैंसर उत्पन्न करने वाले म्यूटेशंस का कारण बन सकते हैं.एलर्जी और रिएक्शन: इससे त्वचा में जलन, रैशेज और अन्य एलर्जी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.बच्चों पर प्रभाव: यह डाई बच्चों के मानसिक विकास और व्यवहार पर गलत प्रभाव डाल सकती है.हार्मोनल असंतुलन: रेड डाई का सेवन हार्मोनल बदलावों का कारण बन सकता है.
भारत में क्या है स्थिति?भारत में रेड डाई नंबर 3 जैसे कलर एडिटिव्स का इस्तेमाल अब भी कई खाने वाली चीजों में होता है. जबकि कई देशों ने इस पर रोक लगा दी है, भारत में अभी इस पर कठोर प्रतिबंध नहीं है. ऐसे में उपभोक्ताओं को जागरूक रहकर फूड प्रोडक्ट के लेबल को ध्यान से पढ़ना चाहिए.
कैसे बचें?* फूड प्रोडक्ट्स के लेबल चेक करें और ऐसे प्रोडक्ट्स से बचें जिनमें सिंथेटिक फूड कलर्स शामिल हों.* घर के बने नेचुरल फूड का सेवन करें.* बाजार में उपलब्ध ऑर्गेनिक और एडिटिव-फ्री प्रोडक्ट्स को प्रायोरिटी दें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.