Indian cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम में बड़े बदलावों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) कथित तौर पर खिलाड़ियों के लिए वेरिएबल वेतन पेश करने की योजना बना रहा है. इससे उन्हें प्रदर्शन के अनुरूप पैसे काटने की भी अनुमति मिल सकेगी. हाल ही में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट असाइनमेंट में मिले परिणामों के मद्देनजर, भारतीय बोर्ड अधिक कॉर्पोरेट जैसी संरचना का विकल्प चुन रहा है. इससे खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कार दिया जा सकता है या दंडित किया जा सकता है.
खिलाड़ियों का कटेगा वेतन
बीसीसीआई के नए सचिव और कोषाध्यक्ष, क्रमशः देवजीत सैय्याद और प्रभतेज सिंह भाटिया के आने से बीसीसीआई के कामकाज और अपने खिलाड़ियों को संभालने के तरीके में कई बदलाव देखे जा सकते हैं. उनमें से एक बदलाव प्रदर्शन-आधारित वेतन पेश करना है. द इंडियन एक्सप्रेस ने एक सूत्र के हवाले से लिखा, ”यह दिए गए सुझावों में से एक था कि खिलाड़ियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और यदि उनका प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो उन्हें वेतन में कटौती का सामना करना पड़ सकता है.”
ये भी पढ़ें: चारों तरफ से घिरे ‘गुरु गंभीर’, चैंपियंस ट्रॉफी पर टिका है करियर, ग्रेग चैपल से हो रही तुलना
पहले से लागू है ये नियम
एक प्रदर्शन-आधारित प्रणाली पहले से ही लागू है, जिसमें 2022-23 के बाद से एक सीजन में 50 प्रतिशत से अधिक टेस्ट में खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रति गेम 30 लाख रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा. यदि कोई खिलाड़ी एक सीजन में कम से कम 75 प्रतिशत मैचों में भाग लेता है तो वह प्रति गेम 45 लाख रुपये कमा सकता है.
ये भी पढ़ें: हार के बाद खुली आंख…ऋषभ पंत-यशस्वी और गिल रणजी के लिए तैयार, कोहली-रोहित पर सस्पेंस
टेस्ट को महत्व नहीं देते खिलाड़ी?
अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि टीम प्रबंधन का मानना है कि खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को उतना महत्व नहीं देते जितना उन्हें देना चाहिए. सबसे लंबे प्रारूप को अभी भी सबसे बेहतर माना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, टीम प्रबंधन टेस्ट क्रिकेट के मूल्य को समझता है लेकिन कई खिलाड़ी इसे बहुत अधिक महत्व नहीं देते हैं.