15 January Cricket History: क्या आपको नरेंद्र हिरवानी याद हैं? इस सदी के अधिकांश क्रिकेट फैंस को शायद ही कोई अंदाजा होगा कि वह कौन हैं. भारत के एक ऐसे खिलाड़ी जिन्हें टैलेंट होने के बावजूद बहुत कम खेलने का मौका मिला. उन्होंने अपने छोटे करियर में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो अब तक कायम है. उसे 37 सालों से अब तक कोई नहीं तोड़ पाया. नरेंद्र हिरवानी के उस रिकॉर्ड के करीब कोई नहीं पहुंच गया.
सनसनीखेज शुरुआत
एक टेस्ट में 16 विकेट लेना कोई मामूली बात नहीं है, लेकिन डेब्यू पर ऐसा करना बहुत ही खास है. जी हां, उन्होंने 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ प्रत्येक पारी में 8 विकेट लिए. हिरवानी ने 11 जनवरी 1988 को चेन्नई में विंडीज के खिलाफ डेब्यू किया और 15 जनवरी को मैच समाप्त होने तक उन्होंने 16 विकेट अपने नाम कर लिए.
डेब्यू मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी
1988 से 15 जनवरी 2025 को 37 साल हो गए, लेकिन हिरवानी के इस रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ पाया. वह डेब्यू टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. उन्होंने तब ऑस्ट्रेलिया के रॉबर्ट अर्नोल्ड लॉकयर मैसी (बॉब मैसी) की बराबरी की थी. मैसी ने 1972 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 16 विकेट लिए थे.
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खराब फॉर्म से प्रभावित
जब भारत ने 1989 में वेस्टइंडीज का दौरा किया, तो हिरवानी की गेंदबाजी पर बल्लेबाजों ने हमला किया. वह कुछ खास नहीं कर सके. फॉर्म में गिरावट के कारण उन्हें 1992 के विश्व कप में जगह नहीं मिली. 1996 में वापसी करते हुए उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ एक अच्छी सीरीज खेली और इंग्लैंड का दौरा भी किया, लेकिन फिर से फॉर्म से बाहर हो गए.
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2001 में वापसी, लेकिन प्लेइंग-11 में नहीं
2001 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने के लिए टीम में चुना गया था लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली. धीरे-धीरे उन्हें मैचों के लिए विचार नहीं किया जाने लगा. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के लिए 400 से अधिक विकेट लिए और 2005-06 सीजन के अंत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले लिया. हिरवानी ने 17 टेस्ट में 66 विकेट लिए. 18 वनडे में उनके नाम 23 विकेट हैं.