Taking homeopathy medicine for thyroid Know from the doctor how effective this method is | थायराइड के लिए ले रहे होम्योपैथी दवा? डॉक्टर से जानें कितना असरदार है ये तरीका

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Taking homeopathy medicine for thyroid Know from the doctor how effective this method is | थायराइड के लिए ले रहे होम्योपैथी दवा? डॉक्टर से जानें कितना असरदार है ये तरीका



थायराइड आजकल एक सामान्य बीमारी बन चुकी है, जो अधिकतर महिलाओं में पाई जाती है. यह बीमारी दो प्रकार की होती है – हाइपोथायराइड और हाइपर थायराइड. थायराइड के इलाज के लिए अधिकांश लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, और कुछ लोगों का यह मानना है कि एक बार थायराइड हो जाने पर उन्हें जीवन भर दवा लेनी पड़ेगी.
हालांकि, क्या थायराइड का इलाज दवाइयों के बिना संभव है? क्या होम्योपैथी से इसका स्थायी इलाज संभव है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए द हेल्थ साइट ने नोएडा स्थित होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉक्टर अभिजीत बनर्जी से बातचीत की, जिसमें उन्होंने थायराइड के इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी है-
क्या होम्योपैथी से थायराइड का स्थायी इलाज संभव है?
डॉ. अभिजीत बनर्जी के अनुसार, होम्योपैथी से थायराइड का इलाज किया जा सकता है, लेकिन यह इलाज तब ही प्रभावी होता है जब थायराइड की समस्या ज्यादा पुरानी न हो. अगर किसी व्यक्ति को 5 से 6 साल से थायराइड की समस्या हो, तो होम्योपैथिक इलाज से काफी हद तक राहत मिल सकती है. हालांकि, यदि थायराइड की समस्या 10 साल से अधिक पुरानी हो, तो इस स्थिति में पूरी तरह से इलाज करना मुश्किल हो सकता है.  
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होम्योपैथिक इलाज का तरीका
पहला तरीका- होम्योपैथी में थायराइड का इलाज दो प्रमुख तरीकों से किया जाता है. पहला तरीका क्लासिक ट्रीटमेंट होता है, जिसमें मानसिक स्थिति और शारीरिक लक्षणों का मूल्यांकन किया जाता है. डॉक्टर मरीज के लक्षणों के आधार पर दवाएं देते हैं, जो मानसिक और शारीरिक बदलाव लाने में मदद करती हैं. यह तरीका मरीज की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रभावी माना जाता है.
दूसरा तरीका-  स्पेसिफिक ट्रीटमेंट में मरीज को अलग-अलग प्रकार की दवाएं दी जाती हैं. इनमें से जो दवा मरीज को सूट करती है, उसे लंबे समय तक दिया जाता है. हालांकि, यह तरीका उतना प्रभावी नहीं होता है क्योंकि शुरुआत में भले ही कुछ सुधार दिखाई दे, लेकिन समय के साथ दवाओं का असर कम हो सकता है.
थायराइड का जड़ से इलाज कब होता है?
डॉ. अभिजीत का कहना है कि यदि थायराइड का मामला लंबे समय से नहीं है और मरीज का टीएसएच स्तर 200 या इससे कम है, तो ऐसे मरीजों के लिए होम्योपैथी से थायराइड का इलाज संभव है. इस स्थिति में, मरीज को नियमित दवाइयों के साथ सही जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है, जिससे थायराइड की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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