2,000,000,000,000 : महाकुंभ उत्तर प्रदेश का कितना सरकारी खजाना भर देगा, क्‍या आपको पता है?

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Last Updated:January 13, 2025, 15:24 ISTMaha Kumbh Mela 2025 : महाकुंभ मेला 2025 न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होने जा रहा है, जिससे राज्य को न केवल आर्थिक दृष्टि से लाभ होगा, बल्कि यह भारत के…और पढ़ेंइलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज से महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत हो गई है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं. संगम वह स्थान है, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियां मिलती हैं. कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा होता है. इस बार 144 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे महाकुंभ और खास हो जाता है. इस साल के महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो अमेरिका और रूस की कुल आबादी को मिलाकर उससे भी अधिक है. राज्य सरकार ने इस महाकुंभ के आयोजन के लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का बजट आवंटित किया है. 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेला उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी शुभ रहने वाला है. इस महाकुंभ से यूपी के सरकारी खजाने में अभूतपूर्व वृद्धि होने की संभावना है. आइये जानते हैं डिटेल में…

महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपये की आय का अनुमानआर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, महाकुंभ मेला 2025 से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये तक का योगदान हो सकता है. अगर यहां आने वाला हर श्रद्धालु औसतन 5,000 रुपये खर्च करता है, तो इस आयोजन से कुल 2 लाख करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है. हालांकि, कुछ अनुमानों के अनुसार, प्रति व्यक्ति खर्च 10,000 रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे कुल आर्थिक प्रभाव 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इससे राज्य की जीडीपी में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा कि 2019 में प्रयागराज के अर्धकुंभ मेले ने राज्य की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया था. इस बार, महाकुंभ मेले में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

अलग-अलग बिजनेस से कितनी होगी सकती है आमदनी?-अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के अनुसार, महाकुंभ मेले से विभिन्न उद्योगों को लाभ होने की उम्मीद है. पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, पानी, बिस्कुट, जूस और अन्य खाद्य पदार्थों के बिजनेस से लगभग 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.

-धार्मिक वस्त्र, तेल, दीपक, गंगा जल, मूर्तियां, अगरबत्तियां, और धार्मिक पुस्तकें जैसे प्रसाद और अन्य उत्पादों से भी 20,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती है.

-इसके अलावा ट्रांसपोर्ट और रसद क्षेत्र, जिसमें स्थानीय और अंतरराज्यीय सेवाएं, माल ढुलाई और टैक्सी सेवाएं शामिल हैं.. से 10,000 करोड़ रुपये का योगदान हो सकता है.

-पर्यटन सेवाओं जैसे टूर गाइड और यात्रा पैकेजों से भी 10,000 करोड़ रुपये की आय की संभावना है.

-अस्थायी चिकित्सा शिविरों, आयुर्वेदिक उत्पादों और दवाइयों से 3,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.

-ई-टिकटिंग, डिजिटल भुगतान, और मोबाइल चार्जिंग स्टेशन जैसे क्षेत्रों से 1,000 करोड़ रुपये का योगदान हो सकता है.

-मनोरंजन, विज्ञापन और प्रचार गतिविधियों से भी 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना जताई जा रही है.

महाकुंभ मेला 2025 : ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन (Maha Kumbh Mela 2025 : Historical Religious Event)

कुंभ मेला भारत के चार प्रमुख पवित्र स्थलों पर आयोजित होता है: हरिद्वार (उत्तराखंड), उज्जैन (मध्य प्रदेश), नासिक (महाराष्ट्र) और प्रयागराज (उत्तर प्रदेश).

महाकुंभ मेले के दौरान विशेष अमृत स्‍नान, जिन्‍हें पहले शाही स्नान भी कहते रहे हैं, पर सबसे अधिक श्रद्धालु संगम पर स्नान करते हैं. इस साल प्रमुख अमृत स्नान 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को होंगे.

महाकुंभ की तैयारियांमहाकुंभ के आयोजन के लिए विशाल इंतजाम किए गए हैं. इस साल, लगभग 1,50,000 टेंट, 3,000 रसोई, 1,45,000 शौचालय और 100 से अधिक पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था के लिए 40,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि विशाल भीड़ को सुरक्षित रूप से प्रबंधित किया जा सके.
Location :Allahabad,Allahabad,Uttar PradeshFirst Published :January 13, 2025, 15:18 ISThomeuttar-pradesh2,000,000,000,000 : महाकुंभ यूपी का कितना सरकारी खजाना भर देगा, आपको पता है?

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