मोटापे और स्लीप एपनिया (OSA) से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी है. अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने पहली बार एक एंटी-डायबिटिक दवा जेपबाउंड (Tirzepatide) को मोटापे और उससे जुड़ी स्लीप एपनिया की समस्या के इलाज के लिए मंजूरी दी है. यह दवा अमेरिका में लॉन्च हो चुकी है और 2025 तक भारत में मौंजारो (Mounjaro) ब्रांड नाम से उपलब्ध होगी.
स्लीप एपनिया के मरीजों को अब तक केवल CPAP और Bi-Pap जैसे ब्रीदिंग डिवाइस का सहारा लेना पड़ता था. लेकिन जेपबाउंड के आने से इलाज में नई क्रांति आने की संभावना है. यह दवा वजन घटाने में मदद करती है, जो OSA के इलाज में महत्वपूर्ण है क्योंकि मोटापे से ग्रस्त लोगों में सांस रुकने की समस्या अधिक पाई जाती है. दवा बनाने वाली कंपनी एली लिली का कहना है कि यह दवा मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों पर व्यापक असर दिखा रही है.
भारत में कब होगी उपलब्ध?एली लिली ने कहा है कि वह 2025 तक इस दवा को भारत में लॉन्च करेगी. हालांकि, कीमत अभी तय नहीं हुई है. कंपनी ने कहा कि भारत में हमारी प्राइसिंग रणनीति इस दवा की प्रभावशीलता और मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े आर्थिक और स्वास्थ्य प्रभावों को ध्यान में रखकर की जाएगी. स्लीप मेडिसिन रिव्यूज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 104 मिलियन लोग स्लीप एपनिया से जूझ रहे हैं. इनमें से 47 मिलियन लोगों में यह समस्या मध्यम से गंभीर स्तर तक है.
विशेषज्ञों की रायएक वरिष्ठ डॉक्टर के अनुसार, OSA के इलाज में वजन घटाना एक प्रमुख उपचार है. यह दवा वजन घटाने में मदद करती है और नींद के दौरान सांस लेने की क्षमता को बेहतर बनाती है. हालांकि, इसके दीर्घकालिक परिणाम, साइड-इफेक्ट्स और सभी मरीजों पर इसकी उपयोगिता के बारे में जानने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है.
दवा का टेस्टजेपबाउंड को मंजूरी दो रैंडमाइज्ड, डबल-ब्लाइंड, प्लेसीबो-कंट्रोल्ड स्टडीज के आधार पर दी गई है, जिसमें 469 मोटापे से ग्रस्त वयस्क शामिल थे. इन अध्ययनों में दवा ने स्लीप एपनिया और वजन दोनों में सुधार दिखाया.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.