Akbari Church History: आगरा के वजीरपुरा इलाके में स्थित अकबरी चर्च उत्तर भारत का सबसे पहला और ऐतिहासिक चर्च माना जाता है. इसका निर्माण 1599 में मुगल सम्राट अकबर ने कराया था. कहा जाता है कि क्रिसमस के अवसर पर “जिंगल बेल” की धुन सबसे पहले इसी चर्च में गूंजी थी. यह चर्च आगरा के सेंट पीटर्स स्कूल के पास स्थित है. क्रिसमस के दिन इसे खासतौर पर सजाया जाता है और विशेष प्रार्थना का आयोजन होता है.
लाहौर के पादरी की पहल पर हुआ निर्माण इतिहासकार राजकिशोर राजे अपनी पुस्तक तवारीख-ए-आगरा में लिखते हैं कि अकबर ने अपनी बेगम मरियम की इच्छा अनुसार यह चर्च बनवाया था. उस समय अकबर सभी धर्मों में रुचि रखते थे और उनकी इच्छा थी कि वे अन्य धर्मों के बारे में जानें. लाहौर से आए पादरी जेसुइट जेवियर ने अकबर से चर्च निर्माण के लिए स्थान देने का आग्रह किया, जिसे मरियम के कहने पर वजीरपुरा में मुहैया कराया गया.
क्रिसमस पर विशेष आयोजन चर्च के फादर राजन बताते हैं कि हर साल 25 दिसंबर को चर्च में विशेष प्रार्थना और सजावट का आयोजन किया जाता है. यह चर्च न केवल आगरा बल्कि पूरे उत्तर भारत में अपनी ऐतिहासिकता और महत्व के लिए जाना जाता है.
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आक्रमणों और संघर्षों का साक्षी अकबरी चर्च ने इतिहास में कई कठिनाइयों का सामना किया है. पुर्तगालियों में आपसी मतभेद के चलते 1635 में इसे भारी क्षति पहुंचाई गई. अहमद शाह अब्दाली के हमले में भी यह चर्च क्षतिग्रस्त हुआ. इसके अलावा कई बार इसमें आग लगाई गई, लेकिन समय-समय पर इसका पुनर्निर्माण कराया गया.
जहांगीर ने कराया विस्तार अकबर के पुत्र जहांगीर ने इस चर्च को और भव्य रूप दिया. कहा जाता है कि यह मुगल काल का पहला ईसाई चर्च था. तमाम आक्रमणों और संघर्षों के बावजूद यह चर्च आज भी अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे खड़ा है.
Tags: Agra news, Local18, Merry ChristmasFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 09:29 IST